जो विद्यालय किराए के भवन में संचालित हो रहे है उनका रेंट, अप्रैल महीने से शिक्षकों का वेतन और बिजली बिल का वहन सरकार या जिला प्रशासन अपने निजी फंड से करे जिससे विद्यालय पुनर्जीवित हो सके। इसका विवरण गत वर्ष के यू – डाइस और ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज है जो क्षेत्रीय कार्यालय में दर्ज है।
विद्यालयों के 25 % छात्रों को शिक्षा देने का शुल्क सरकार हर वर्ष देती है, जो बकाया है उसे त्वरित निर्गत किया जाए।
विद्यालयों के वाहनों की ईएमआई को भी सरकार एक्सटेंट करे। इससे विद्यालयों कि तत्काल राहत मिलेगी और हजारों कर्मचारी और शिक्षक बेरोजगार होने से बच जाएंगे।
उक्त बातें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शहर के विद्यालय संचालकों ने कही जिनमें वरुण कुमार पाण्डेय सर,आंनद ज्योति सर,विवेक पांडेय सर,कपिलेश्वर सर ,प्रमोद सर ने समस्याओं को रखा।