मोदी कैबिनेट से इन 12 मंत्रियों को हटाया गया है

ये अब तक किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा कैबिनेट विस्तार से पहले की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जिन मंत्रियो के ऊपर कार्रवाई हुई है उनमें प्रकाश जावड़ेकर, डॉ. हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद जैसे तमाम दिग्गज नाम शामिल है। ज्यादातर को उनके खराब प्रदर्शन के चलते बाहर किया गया है। कुछ के इस्तीफे के पीछे उम्र ज्यादा होने को भी वजह माना जा रहा है।

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ये है हटाए गए मंत्रियों की लिस्ट

ट्विटर विवाद के कारण बाहर हुए प्रसाद

कानून और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। प्रसाद ट्विटर बनाम सरकार की लड़ाई में सरकार का चेहरा थे और इस मामले में यह आरोप लगे कि सरकार सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। ट्विटर ने जब कुछ घंटे के लिए रविशंकर प्रसाद का अकाउंट लॉक किया तो प्रसाद के रिएक्शन को लेकर भी सोशल मीडिया में काफी खिंचाई हुई।

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जावडेकर के इस्तीफे की वजह

सूचना- प्रसारण मंत्री और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस्तीफा ले लिया गया। सरकार के प्रवक्ता होने के नाते जावड़ेकर और उनके मंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि वह कोरोना काल में सरकार की इमेज सही करने के लिए कदम उठाएं लेकिन उनका मंत्रालय इसमें असफल रहा। देसी मीडिया के अलावा विदेशी मीडिया में भी सरकार की बहुत किरकिरी हुई और सीधे पीएम मोदी की इमेज पर असर पड़ा। जावडेकर की उम्र भी उनके हटने की एक वजह बताई जा रही है। वह 70 साल के हैं। उनके कई फैसले विवादास्पद रहे।

कोविड मिसमैनेजमेंट के कारण हटे हैं हर्षवर्धन!

हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन को भी मोदी मंत्रिमंडल से हटाया गया है। इसकी चर्चा काफी दिनों से चल रही थी और कोरोना की दूसरी लहर में मिसमैनेजमेंट को लेकर हेल्थ मिनिस्टर लगातार विपक्ष के निशाने पर भी थे। हॉस्पिटल बेड की कमी, ऑक्सिजन की कमी और दिक्कतों से निपटने में हेल्थ मिनिस्टर का एक्टिव ना दिखना उनके जाने की वजह बना। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार पर भी कई सवाल उठे और हेल्थ मिनिस्ट्री हालात से निपटने के अलावा सरकार के खिलाफ लगातार नेगेटिव बन रहे परसेप्शन से डील करने में असफल रही। पिछली सरकार में भी हर्षवर्धन से हेल्थ मिनिस्ट्री वापस ली गई थी।

स्वास्थ्य कारणों से शिक्षा मंत्री हटे

एजुकेशन मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक का भी इस्तीफा लिया गया है। उनका खराब स्वास्थ्य इसकी वजह बताई जा रही है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें काफी दिक्कत आ गई थी। कोरोना से रिकवर होने के बाद उन्हें कई तरह की दिक्कत हुई और 15 दिन तक आईसीयू में रहना पड़ा। हालांकि उनकी क्वॉलिफिकेशन को लेकर भी बीच बीच में विपक्ष सवाल उठाता रहा है।

गंगवार को इस वजह से मंत्रिमंडल से हटाया गया

लेबर मिनिस्टर संतोष गंगवार को भी मोदी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। काफी सच बोलते थे। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खत लिखा था। शायद यही उन्हें हटाने की वजह बनी।

बाबुल सुप्रियो को मिली बंगाल में बीजेपी की हार की सजा

पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के परफॉरमेंस की वजह से राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो की मंत्रिमंडल से छुट्टी हुई। वही मंत्री होने के बावजूद बाबुल सुप्रियो विधायक का चुनाव हारे। उनके कुछ बयानों ने भी पार्टी की किरकिरी की। बंगाल इलेक्शन में वो बिलकुल फैल गए। न ही उनका कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार था।
चुनाव के दौरान कुछ भी बकते दिखे।

थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया

थावरचंद गहलोत को मंत्री पद से हटाकर कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है और इसके पीछे उनकी उम्र को वजह बताया गया। राज्यमंत्री संजय धोत्रे को स्वास्थ्य वजह से इस्तीफा देना पड़ा। उनके रिपोर्ट कार्ड को इसका आधार बनाया गया।

देबोश्री चौधरी: बंगाल चुनाव में असर नहीं छोड़ पाईं। इनका न ही आम लोगों से रिश्ता जमा रहा है, न ही वो मिनिस्ट्री में कुछ कर पाईं।

रतन लाल कटारिया- 69 साल

मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे रतन लाल कटारिया पर आरोप : न ही उन्हें मिनिस्ट्री चलानी आई और न ही वे मास कॉटैक्ट रख सके।

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