वही देश की कोविड-19 टास्क फोर्स के मेंबर और एम्स के डायरेक्टर का कहना है कि अब RT-PCR टेस्ट निगेटिव आने के बावजूद जिन लोगों में कोरोना के पारंपरिक लक्षण हैं, उनका भी कोरोना के तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जाना चाहिए। कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन हद से ज्यादा संक्रामक है और संक्रमित मरीज के संपर्क में केवल 1 मिनट रहने से ही दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो रहा है।
ज्यादा टेस्टिंग होने से रिपोर्ट आने में देरी
बता दे, कोरोना मामलों की बढ़ती तादाद के चलते टेस्ट रिपोर्ट आने में कई दिनों की देरी हो रही है। ऐसे मामलों में कोरोना के परंपरागत लक्षण दीखते ही डॉक्टर्स को फौरन मरीज का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इलाज शुरू कर देना चाहिए।
रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद, अगर ये लक्षण दिखे तो कोरोना पॉजिटिव हैं