छठ पर्व में सूर्य देव की पूजा (Worship Sun God) की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही छठ घाट पर छठी मैया की पूजा का भी विधान है।

चैती छठ महापर्व : आज से शुरू हो रहा

लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath Puja 2021) हर वर्ष चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय (Nahay khay) के साथ शुरु हो जाती है। यह पर्व चार दिन तक चलती है। इस वर्ष यह पर्व शुक्रवार,16 अप्रैल यानी आज के दिन नहाय खाय के साथ शुरू हो रही है।

छठ मैया कौन है ?

शास्त्रों के अनुसार षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहा गया है। पुराणों में इन्हें मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि पर होती है। षष्ठी देवी को ही बिहार-झारखंड की स्थानीय भाषा में छठ मैया कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार छठी मैया या षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं।

जानिए खरना कब है?

खरना कल यानी कि 17 अप्रैल को है। खरना के दिन सुबह से लेकर शाम तक भक्त निर्जल उपवास रखते हैं। शाम को दूध और गुड़ की खीर बनाकर भगवान को अर्पित की जाती है। रात्रि में चंद्र देव के दर्शन के बाद ही जल पिया जाता है। इसके बाद से 36 घंटे का उपवास शुरू हो जाता है. . खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग और आंख की पीड़ा समाप्त हो जाती है। वहीं इसके प्रसाद से शरीर निरोग होता है बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।

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शाम का अर्घ्य

18 अप्रैल रविवार को अस्त हो रहे सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन नदी या तालाब के किनारे स्थित घाट पर जाकरभगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

सुबह का अर्घ्य

19 अप्रैल सोमवार को चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को सुबह उदित हो रहे सूर्य को अर्घ्य देकर चैती छठ का समापन हो जाएगा।

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