मोतिहारी. देश में वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच बिहार में स्वास्थ्यकर्मियों का विरोध जारी है। स्वास्थ्यकर्मियों ने गुरुवार को पूर्वी चंपारण जिला में सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। बता दे, पीपीई किट और एन-95 मास्क की मांग को लेकर स्वास्थ्यकर्मी सिविल सर्जन की गाड़ी के आगे लेटकर हंगामा करने लगे।
मालूम हो राज्य पूरी तरह कोरोना संक्रमण के गिरफ्त में है। ऐसे में सरकार कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में किसी भी चीज की कमी नहीं होने का दावा करती आ रही है। लेकिन, देखा जाये तो जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। गौरतलब है कि बिहार सरकार के द्वारा पीपीई किट और मास्क की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता का ऐलान किया गया है। लेकिन, सच्चाई तो यह है, कि मोतिहारी सदर अस्पताल के कर्मियों को पीपीई किट और एन-95 मास्क नहीं मिल पा रहा है।
सिविल सर्जन के खिलाफ जमकर नारेबाजी
सूत्रों के मुताबिक सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद की गाड़ी आते ही आक्रोशित स्वास्थ्यकर्मियों ने गाड़ी के आगे लेट कर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद सिविल सर्जन गाड़ी से उतरे और उन्हें स्वास्थ्यकर्मियों को समझाते हुए जल्द सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुए।
सिविल सर्जन ने दी दलील
इस मामले पर पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट उपलब्ध कराना जरूरी है। लेकिन, हर स्वास्थ्य कर्मी को पीपीई किट उपलब्ध कराना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्यालय में ड्यूटी देने वाले कर्मियों को सुरक्षा के अन्य जरुरी सामान उपलब्ध करा दिए गए हैं। बिट्टू सिंह जयनत (मोतिहारी, ब्यूरो रिपोर्ट, न्यूज़ 24 बाईट)