हिंदी कहानी. एक बार एक भला आदमी अपनी गरीबी से दु:खी था। उसकी यह दशा देखकर एक चोर को दया आई। उसने कहा- “तुम मेरे साथ चला करो। चोरी में बहुत धन मिलता है”। वह गरीब व्यक्ति तैयार हो गया, परंतु चोरी करना उसे नहीं आता था। उसने अपने साथी से कहा- “मुझे चोरी करना तो आता नहीं है। चोरी कैसे करूँगा?” उसके साथी चोर ने कहा- “इसकी तुम चिंता नहीं करो, मैं तुम्हें सब सिखा दूॅगा।” दोनों एक किसान के खेत में पका हुआ फसल काटने गए। वह खेत गाँव से कुछ दूर जंगल में था। वैसे तो रात में उधर कोई रखवाला नहीं था, फिर भी चोर ने नए साथी को खेत की मेड़ पर खड़ा करा दिया, ताकि जब वह चोरी करे वह निगरानी करता रहे। ऐसा करके वह खुद खेत काटने में जुट गया।
गरीब आदमी ने, जो साथ चोरी करने आया था- उसने साथी चोर को थोड़ी देर में आवाज लगाई। वह बोला- “जल्दी उठो। खेत का मालिक पास हीं खड़ा देख रहा है।”
चोर ने काटना छोड़ा और तेजी से भागने लगा। कुछ दूर जाकर दोनों खड़े हुए तो चोर ने पूछा- “मालिक कहाँ था? कैसे देख रहा था?”
वह व्यक्ति बोला- “ईश्वर सबका मालिक है। इस संसार में जो कुछ है, सब उसी का है। वह हर जगह मौजूद है और सब कुछ देखता है। मेरी आत्मा ने कहा कि ईश्वर यहाँ भी मौजूद था और हमारी चोरी को देख रहा था। ऐसी दशा में हमारा भागना ही उचित था।” पहले चोर पर इस बात का कुछ ऐसा प्रभाव पड़ा कि उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी। प्रस्तुति ध्रुव तिवारी