Hindi Story. हमारे गाँव के पूरब में एक विशाल तालाब है। उतना बड़ा तालाब मैंने कहीं देखा नही है। गाँव के बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि यह तालाब ब्रह्म बाबा ने राक्षसों से एक रात में ही खुदवाया था। ब्रह्म बाबा एक आध्यात्म- पुरुष थे। उनका खुदवाया एक कुआँ आज भी है, उसका पानी पीने से बड़ा से बड़ा घेघा रोग ठीक हो जाता था। पानी थोड़ा कशैला था। बचपन में हम लोग कई बार उस कुआँ से पानी पीये हैं।
अब आइए तालाब के पास। तालाब के किनारे एक विशाल बरगद का वृक्ष था, जो दस साल पहले जीर्ण- शीर्ण अवस्था में आने के कारण गिर पड़ा। एक बार की बात है, एक किसान किसी मेला से एक बैल खरीद कर ला रहा था। बैल भूखा- प्यासा था। किसान ने उसे पानी पिलाने पोखर में ले गया। बैल ने पानी पी लिया। किसान उसे धोने के लिए पानी में खींच रहा था, लेकिन बैल पानी में जाना चाह नहीं रहा था। जबर्दस्ती करने पर बैल बिदक गया और उसने किसान को पानी में पटक कर सींग से लगा दबाने। पानी में दबकर किसान मर गया।
चूँकि किसान की अकाल मृत्यु हुई थी, वह पनडूब्बा बन गया। समय के क्रम में वह कई लोगों को पकड़कर मार डाला। अब अकेला कोई भी पोखर पर नहीं जाता था।
एक बार एक नाई कहीं बारात जा रहा था। शौच क्रिया से निवृत्त होने हेतु बरगद के वृक्ष के नीचे अपनी झोली-रखकर वह शौच को गया। वापस आकर वह पैर धोने हेतु भीतर पोखर में गया। उसी समय पनडूब्बा ने उसे पकड़ लिया? नाई समझ गया कि उसे पनडूब्बा ने पकड़ लिया है। कहा जाता है कि आदमी में नौआ तथा पक्षी में कौआ बहुत धूर्त्त होता है। नाई ने पनडूब्बा से कहा- पकड़े के गोर त पकड़ लेल सोड़।
अब पनडूब्बा ने सोचा कि शायद उसने बरगद का सोड़ पकड़ लिया है। उसने नाई का पैर छोड़ दिया। अब नाई शीघ्र भाग कर बाहर आ गया। तेज आदमी हर जगह अपनी बुद्धि का प्रयोग करता है।