Hindi Story. एक जंगल में एक ऊँट रहता था। एक दिन एक सियार उसके पास आया। उसने ऊँट से कहा- ऊँट मामा, मैं इस जंगल में बन्धु बांधवों से हीन होकर आप के पास रहने आया हूँ। दोनों साथ रहेंगे तो मन लगेगा, दोनों एक दूसरे की सहायता भी करेंगे।
ऊँट ने कहा ठीक है। मैं तुम्हारा स्वागत करता हूँ। दोनों साथ-साथ, खुशी से रहने लगे। जहाँ जाते दोनों साथ-साथ जाते।
एक दिन सियार ने ऊँट से कहा- मामा, नदी के उस पार हरे-भरे बहुत से खेत एवं बाग बगीचे हैं। वहाँ अगर हमलोग चलें तो मनचाहा भोजन मिलेगा। ऊँट ने कहा ठीक है चलो। दोनों नदी किनारे पहुँचे। ऊँट ने सियार से कहा- मेरी पीठ पर बैठ जाओ। इस प्रकार दोनों नदी के उस पार चले गए।
वहाँ एक किसान के खेत में बहुत सारी हरी-भरी फसलें लगी थीं। तरह-तरह के फल भी पके हुए थे। लालमी, तरबूजे, खरबूजे की मिठास की महक आ रही थी। सियार उन फलों पर टूट पड़ा। उसका पेट शीघ्र ही भर गया। ऊँट का पेट तो बड़ा होता है, अभी भरा नहीं था। सियार ने ऊँट से कहा- मामा, अब मुझे हुआई आ रही है। ऊँट ने कहा- थोड़ी देर चुप रहो, जब मेरा पेट भर जाएगा तो बोलना। कुछ देर के बाद सियार ने कहा- अब मुझे जोरों की हुआई आ रही है। यह कहकर सियार ने जोर-जोर से हुआ-हुआ करने लगा। खेत का रखवार बगल में ही मचान पर सोया था। उसकी नींद टूट गई। वह लाठी लेकर दौड़ा। सियार तो भाग गया, ऊँट पकड़ा गया। किसान ने ऊँट की खूब पिटाई की। ऊँट दर्द से परेशान हो गया। किसी तरह धीरे-धीरे नदी के तट पर आया। वह बहुत दुखी था। उसने सियार से पीठ पर बैठने को कहा।
जब दोनों नदी के बीच धार में पहुँचे तो ऊँट ने कहा- भांजे, अब मुझे लोटाई आ रही है। सियार ने कहा- ऐसा मत करो मामा, नहीं तो मैं डूब जाऊँगा। ऊँट ने कहा- कैसे तुम्हे हुआई आ रही थी। यह कहकर ऊँट नदी में लोटाने लगा। इस प्रकार वह सियार नदी में डूबकर मर गया। अत: हमें किसी के साथ धोखेबाजी नहीं करनी चाहिए। दोस्तों अगर यह कहानी आपको पसंद आयी है तो शेयर करना ना भूले और फेसबुक (https://www.facebook.com/news24bite/) पर Comments के माध्यम से अपनी राय दे।