बता दे, 80 वर्षीय बुजुर्ग कांता प्रसाद दिल्ली के मालवीय नगर में ‘बाबा का ढाबा’ चलाते है। कांता की पत्नी बादामा देवी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रहे थे। जिसके वजह से उन्होंने नींद की गोलियां खा ली है।
लॉकडाउन में बंद हो गया था नया रेस्टोरेंट
दरअसल पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कांता प्रसाद सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो के जरिए रातोंरात फेमस हो गए थे। उनकी मदद के लिए कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया था, जिसके बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई थी। कांता प्रसाद ने क्राउड फंडिंग से मिले पैसों से पिछले साल दिसंबर में नया रेस्टोरेंट खोला था। इसमें उन्होंने दो शेफ और एक हेल्पर को नौकरी पर रखा था।
लॉकडाउन में रेस्टोरेंट पर ताला लगने के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ था, जिसके बाद उन्होंने इसे बंद कर दिया था। बाबा के बेटे ने बताया था कि रेस्टोरेंट में खर्चे के अनुसार कमाई बेहद कम हो रही थी। रेंट, काम करने वाले लड़कों की तनख्वाह, बिजली और पानी का बिल भरना पड़ता था। रेस्टोरेंट खोलने में डेढ़ लाख से अधिक पैसे लगे थे। रेस्टोरेंट बंद होने के बाद हमने सारा सामान बेच दिया, जिससे 30 से 40 हजार रुपये मिले। बाबा के बेटे के अनुसार, रेस्टोरेंट में यदि महीने का खर्चा 2 लाख रुपये था तो कमाई सिर्फ 15 हजार रुपये हो रही थी।
बता दे, फेम मिलने से पहले प्रसाद दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में सड़क किनारे अपना ढाबा चला गुजर-बसर कर रहे थे।
" />