PATNA.लालू के बड़े लाल और हसन पुर से विधायक तेजप्रताप यादव का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। वे जब भी मुह खोलते एक नया विवाद जन्म ले लेता है। इस बार खुद उनके पार्टी में हुआ है।
बता दे, तेजप्रताप यादव ने अपने पार्टी के कद्दावर नेता जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया है। जिससे नाराज जगदानंद सिंह कई दिनों से आरजेडी ऑफिस नहीं आए हैं। सूत्रों की माने तो खुद को ‘हिटलर’ कहे जाने को लेकर वे बेहद आहत हैं। आरजेडी ऑफिस आना तो दूर की बात है, जगदानंद सिंह ने पटना तक छोड़ दिया है। जगदानंद सिंह पटना से बाहर है।
खबरों की माने तो बीते पांच जुलाई को राजद के स्थापना दिवस पर तेज प्रताप के ऐसे ही एक बयान से खफा होकर उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी।
दरअसल, बीते 8 अगस्त को छात्र आरजेडी की पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठक हुई थी। इस दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा था कि आरजेडी का कोई भी कार्यक्रम हो लोग सिस्टम बनाने लगते हैं। जगदानंद सिंह भी सिस्टम बनाने में लग जाते हैं और हिटलर की तरह बोलने लगते हैं। आगे तेजप्रताप यादव ने कहा जब मैं पहले पार्टी कार्यालय आता था। उस समय और आज में जमीन-आसमान का फर्क है। जब पिता जी थे तो पार्टी कार्यालय का गेट हमेशा खुला रहता था। विरोधियों द्वारा फंसाने के बाद जब पिता जी उधर गए तो उसके बाद से कुछ लोग अपने-अपने तरीके से मनमानी करने लगे हैं। जब वो मनमानी करने लगे तो हमने मिमिक्री करना चालू कर दिया। ये मनमानी है, ये कुर्सी किसी की बपौती नहीं है, कुर्सी किसी का नहीं हुआ। हम भी मंत्री थे। हमें भी अपने पद से हटना पड़ा। इसलिए कुर्सी किसी का नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, लालू यादव और तेजस्वी यादव के तरफ से जगदानंद सिंह को मनाने की भरसक कोशिश की जा रही है।