inner_banner

खुशखबरी : सरसों तेल के दाम हुए सस्ते: कीमतों में 10-20% की आई गिरावट

  • एक लीटर तेल की कीमत 157 रुपए
  • अपडेट : रोहित कुमार

News24 Bite

June 16, 2021 6:00 pm

नई दिल्ली. इस कोरोना माहमारी जैसी आपदा में भी कुछ लोग अवसर तलाशने लगे है। होली के बाद से जो खाने की तेल की कीमतों में इजाफा हुआ अभी तक जारी है। तेल की कीमत आसमान छू रही है।

वही इस वक्त की बड़ी खबर है। जल्द ही आम जनता को इस महंगाई से राहत मिलने वाली है। उनके लिए खुशखबरी है। कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के अनुसार, खाने की तेल की कीमतों में 10-20% तक की गिरावट आई है।

Advertisement
Advertisement

9 प्रतिशत पाम ऑयल हुआ सस्ता

बता दे, पाम ऑयल की कीमत 19% घट कर 115 रुपए प्रति लीटर आ गई है। यह पहले 142 रुपए किलो था। जबकि सनफ्लावर तेल की कीमत 16% घट कर 157 रुपए लीटर पर आ गई है। इसकी पहले कीमत 188 रुपए थी। आंकड़ों के मुताबिक 15 लीटर तेल के डिब्बे की बात करें तो इसमें भी गिरावट दिखी है। सरसों के तेल का 15 लीटर का डिब्बा अब 2,325 रुपए में मिल रहा है जो पहले 2,655 रुपए में मिल रहा था।

Advertisement
Advertisement

15 लीटर की कीमत भी घटी

15 लीटर पामतेल के डिब्बे की कीमत 1,900 रुपए पर आ गई है। यह पहले 2,200 रुपए थी। सनफ्लावर के तेल की बात करें तो इसका 15 लीटर का डिब्बा 2,500 रुपए से घट कर 2,250 रुपए पर आ गया है। मूंगफली के तेल की कीमत 2,700 रुपए से घट कर 2,600 रुपए पर आ गई है। सबसे कम गिरावट इसी तेल की कीमत में आई है। सोयाबीन के तेल की कीमत 1,400 रुपए से कम हो कर 2,100 रुपए पर आ गई है।

सरसों के एक लीटर तेल की कीमत 157 रुपए

आंकड़ों के मुताबिक, मूंगफली तेल की कीमत एक लीटर की 190 से घट कर 174 रुपए पर आई है। वनस्पति तेल की कीमत एक लीटर की 154 से कम होकर 141 रुपए पर आई है। इन दोनों तेलों की कीमतों में 8-8% की कमी आई है। सोया ऑयल की कीमत भी इसी तरह घटी है। इसकी पहले की कीमत 162 रुपए थी जो अब 138 रुपए पर है। यानी 15% इसकी कीमतों में कमी आई है। सरसों के एक लीटर तेल की कीमत भी 175 से घट कर 157 रुपए पर आ गई है।

सरसो तेल में मिलावट पर रोक

आठ जून से किसी भी साधारण तेल का सरसों तेल के साथ मिलावट किए जाने पर कानूनी रोक लगा दी गई है। सरसों में मिलावट के लिए ज्यादातर सोयाबीन डीगम और चावल भूसी तेल का इस्तेमाल होता है। मिलावट पर रोक के बाद सोयाबीन डीगम और कच्चा पॉम तेल (सीपीओ) की मांग काफी कमजोर हो गई जिससे पूरे कारोबार में नरमी का रुख कायम हो गया।

ad-s
ad-s