तेजस्वी ने कहाँ 10 दिसंबर को रात 12 बजे जब यह काला क़ानून लोकसभा में पास हुआ था उसके मात्र 9 घंटे बाद सुबह में हमने अपने पार्टी के सभी विधायकों के साथ गांधी जी की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गए थे। उसी दिन हमने अवाम से वादा किया था कि चाहे जो भी हो जाए हमारे रहते इस संविधान विरोधी काले क़ानून को बिहार में लागू नहीं होने देंगे। लगातार सड़क से सदन तक हमारे संघर्ष का परिणाम है की आज आखिरकार NDA सरकार को झुकना पड़ा। बिहार ऐसा पहला राज्य है जहाँ BJP के सरकार में रहते NPR लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
तेजस्वी ने यह भी कहाँ की एक इंच भी नहीं हिलने वाले शायद नहीं जानते कि यह गाँधी, अंबेडकर, जेपी, लोहिया, कर्पूरी और लालू को मानने समाजवादी क्रांतिकारियों की धरती बिहार है। यहाँ एक बिहारी सौ पर भारी। हम तो कहते हैं कि आज संविधान की जीत हुई है, जनता की जीत हुई है, विभिन्न धरनों पर बैठी हमारी लाखों माताओं-बहनों और अमन-चैन की जीत हुई है। ये एक बड़ी लड़ाई थी जिसे हमने जीता।
" />पटना / 25 फरवरी को बिहार विधानसभा में NRC/NPR के खिलाफ प्रस्ताव सर्वसम्मति से से पारित हो गया, और अब इसी के साथ फाइनल हो गया कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। आपको बता दे बिहार पहला ऐसा राज्य बन गया जहां बीजेपी के सत्ता में हिस्सेदार होने के बाद भी NRC और NPR खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हो गया। वही इस मौके मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतीक्षा एवं राजद नेता तेजस्वी यादव के तेवर अलग ही देखने को मिले उन्होंने कहाँ NRC/NPR पर एक इंच भी नहीं हिलने वाली BJP को आज हमने दिल्ली से लेकर पटना तक 1000 किलोमीटर तक हिला दिया और BJP वाले माथा पकड़े टुकुर-टुकुर देखते रह गए। राष्ट्रपिता बापू गांधी और बाबा साहेब निर्मित संविधान मानने वाले हम लोग CAA को भी बिहार में लागू नहीं होने देंगे।
तेजस्वी ने कहाँ 10 दिसंबर को रात 12 बजे जब यह काला क़ानून लोकसभा में पास हुआ था उसके मात्र 9 घंटे बाद सुबह में हमने अपने पार्टी के सभी विधायकों के साथ गांधी जी की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गए थे। उसी दिन हमने अवाम से वादा किया था कि चाहे जो भी हो जाए हमारे रहते इस संविधान विरोधी काले क़ानून को बिहार में लागू नहीं होने देंगे। लगातार सड़क से सदन तक हमारे संघर्ष का परिणाम है की आज आखिरकार NDA सरकार को झुकना पड़ा। बिहार ऐसा पहला राज्य है जहाँ BJP के सरकार में रहते NPR लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
तेजस्वी ने यह भी कहाँ की एक इंच भी नहीं हिलने वाले शायद नहीं जानते कि यह गाँधी, अंबेडकर, जेपी, लोहिया, कर्पूरी और लालू को मानने समाजवादी क्रांतिकारियों की धरती बिहार है। यहाँ एक बिहारी सौ पर भारी। हम तो कहते हैं कि आज संविधान की जीत हुई है, जनता की जीत हुई है, विभिन्न धरनों पर बैठी हमारी लाखों माताओं-बहनों और अमन-चैन की जीत हुई है। ये एक बड़ी लड़ाई थी जिसे हमने जीता।