मामले में 78 पंचायत प्रतिनिधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि 35 अधिकारी और सरकारी कर्मियों पर भी विभागीय कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। पटना प्रमंडल प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई के लिए जो लिस्ट बनाई गई है उसमें पटना जिले के 25, नालंदा के 19, भोजपुर जिले के 8, बक्सर के 9, रोहतास जिले के 97 मुखिया शामिल हैं। इसके अलावा पटना जिले के 29, नालंदा के 9, भोजपुर जिले के 4, बक्सर जिले के 17, और रोहतास जिले के 19 अन्य पंचायत प्रतिनिधियों पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

ग्राउंड रियलटी जानने के लिए पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में 71 जगहों पर पटना के डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया था और अनियमितता पाई गई थी। इसके साथ ही रोहतास और कैमूर में 32-32 जगह पर औचक निरीक्षण किया गया था। वहीं भोजपुर में 58, बक्सर में 8 और नालंदा में 17 जगह पर जांच कराई गई थी। इस जांच के दौरान कई जगह पर पाया गया कि नल-जल योजना का काम सही तरीके से नहीं हुआ है।

जांच में यह बात सामने आई कि योजना का काम आधा अधूरा कराया गया है,लेकिन राशि पूरी निकाल ली गई है। यह भी देखा गया कि कहीं पानी की टंकी बनी है तो बोरिंग का काम पूरा नहीं हो पाया और कहीं पानी की टंकी नहीं है तो बोरिंग का काम आधे अधूरे तरीके से हुआ है। इस योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है लेकिन ज्यादातर जगहों पर पैसे की निकासी पूरी कर ली गई है।

पटना में 64 लाख रुपए ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों से वसूला जाएगा जिन्होंने योजना की राशि निकाल ली लेकिन काम पूरा नहीं किया है। वहीं रोहतास में 37 लाख, बक्सर में 27 लाख, भोजपुर में 9 लाख की वसूली की जाएगी, जबकि मुख्यमंत्री के गृह जिले में सबसे ज्यादा 199 लाख रुपए की वसूली होगी।

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नल-जल योजना में गड़बड़ी करने वाले मुखिया पर सरकार का एक्शन शुरू, नपेंगे 158 मुखिया

  • नल-जल योजना में गड़बड़ी करने वाले 158 मुखिया पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है
  • संजीव सुमन की रिपोर्ट

News24 Bite

March 10, 2021 12:17 pm

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना में गड़बड़ी करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू करने के आदेश देने के बाद अब इसपर कारवाई शुरू कर दी गई है। इस कारवाई के तहत पटना प्रमंडल में इस योजना के अंतर्गत गड़बड़ी करने वाले 158 मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसमें सबसे अधिक 97 मुखिया रोहतास जिले से आते हैं। नल जल योजना में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।

मामले में 78 पंचायत प्रतिनिधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि 35 अधिकारी और सरकारी कर्मियों पर भी विभागीय कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। पटना प्रमंडल प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई के लिए जो लिस्ट बनाई गई है उसमें पटना जिले के 25, नालंदा के 19, भोजपुर जिले के 8, बक्सर के 9, रोहतास जिले के 97 मुखिया शामिल हैं। इसके अलावा पटना जिले के 29, नालंदा के 9, भोजपुर जिले के 4, बक्सर जिले के 17, और रोहतास जिले के 19 अन्य पंचायत प्रतिनिधियों पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

ग्राउंड रियलटी जानने के लिए पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में 71 जगहों पर पटना के डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया था और अनियमितता पाई गई थी। इसके साथ ही रोहतास और कैमूर में 32-32 जगह पर औचक निरीक्षण किया गया था। वहीं भोजपुर में 58, बक्सर में 8 और नालंदा में 17 जगह पर जांच कराई गई थी। इस जांच के दौरान कई जगह पर पाया गया कि नल-जल योजना का काम सही तरीके से नहीं हुआ है।

जांच में यह बात सामने आई कि योजना का काम आधा अधूरा कराया गया है,लेकिन राशि पूरी निकाल ली गई है। यह भी देखा गया कि कहीं पानी की टंकी बनी है तो बोरिंग का काम पूरा नहीं हो पाया और कहीं पानी की टंकी नहीं है तो बोरिंग का काम आधे अधूरे तरीके से हुआ है। इस योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है लेकिन ज्यादातर जगहों पर पैसे की निकासी पूरी कर ली गई है।

पटना में 64 लाख रुपए ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों से वसूला जाएगा जिन्होंने योजना की राशि निकाल ली लेकिन काम पूरा नहीं किया है। वहीं रोहतास में 37 लाख, बक्सर में 27 लाख, भोजपुर में 9 लाख की वसूली की जाएगी, जबकि मुख्यमंत्री के गृह जिले में सबसे ज्यादा 199 लाख रुपए की वसूली होगी।

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