PATNA. सोमवार को नीतीश कुमार ने 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया। इसके साथ ही वें बिहार के 37वें मुख्यमंत्री बन गए है। उनके साथ 14 मंत्रियों ने भी शपथ लिया। वही उपमुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा (BJP) की तरफ से तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) और रेणु देवी (Renu Devi) ने शपथ ग्रहण किया।
बता दे, नई कैबिनेट में नितीश कुमार समेत 15 में से 9 मंत्रियों पर कोई न कोई क्रिमिनल केस दर्ज है। सबसे ज्यादा 5-5 मामले VIP के मुकेश सहनी और भाजपा के जीवेश मिश्रा पर हैं। अगर बात करें करोड़पति मंत्री की तो नीतीश कैबिनेट के सभी मंत्री करोड़पति हैं।
सबसे अमीर भाजपा के रामसूरत राय हैं जबकि सबसे कम 1.05 करोड़ रुपए की संपत्ति भाजपा के ही रामप्रीत पासवान के पास है।
जानिए सभी मंत्रियो के बारे में
नीतीश कुमारः 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने वाले नीतीश कुमार पहली बार 985 में पहली बार नालंदा जिले की हरनौत सीट से विधायक बने। वें 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद भी बने। उनकी कुल संपति 3.34 करोड़ है। उनपर 1 क्रिमिनल केस है।
तारकिशोर प्रसाद : सोमवार को बिहार के डिप्टी सीएम पद के लिए शपत ग्रहण लेने वाले तारकिशोर प्रसाद 1980 से राजनीति में शक्रिय हैं। वें 2005 से लगातार चौथी बार भाजपा के टिकट पर कटिहार से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। उनकी कुल संपति 1. 89 करोड़ है, जबकि उनके ऊपर 1 क्रिमिनल केस है। 64 वर्ष के तारकिशोर 12वीं पास है।
रेणु देवी : बेतिया से 5वीं बार विधायक बनी बीजेपी की रेणु देवी बिहार की पहली महिला उप मुख्यमंत्री बनी हैं। 60 वर्षीय रेणु देवी नोनिया समाज से ताल्लुक रखती है। रेणु देवी 12वीं पास है। उनके ऊपर 2 आपराधिक मामले है। वें 3. 69 करोड़ की मालकिन है।
विजय चौधरी : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रहे विजय चौधरी ने 1982 से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 63 साल के विजय चौधरी ग्रेजुएट है। उनके पास 2.11 करोड़ की संपति है।
बिजेंद्र प्रसाद यादव : 1990 में पहली बार जनता दल के टिकट पर सुपौल सदर सीट से विधायक बने बिजेंद्र प्रसाद यादव, यादव यहाँ से 7वीं बार विधायक बने हैं। 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष रहे बिजेंद्र प्रसाद यादव नई विधानसभा के सबसे उम्रदराज (74) विधायक हैं। इनके पास 2.24 करोड़ की संपति है।
मेवालाल चौधरी : असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में घोटाले का आरोपी रहे मेवालाल मुंगेर जिले के तारापुर से लगातार दूसरी बार जदयू के टिकट पर विधायक बने हैं। इससे पहले 2010 में उनकी पत्नी नीता चौधरी यहां से विधायक थीं। 67 वर्षीय डॉक्टरेट की डिग्री ले चुके मेवालाल के पास कुल संपति 12. 31 करोड़ है। उनके ऊपर 1 क्रिमिनल केस भी है।
शीला मंडल : फुलपरास सीट से पहली बार जदयू की विधायक बनी शीला मंडल की उम्र 50 वर्ष है। पोस्ट ग्रेजुएट शीला के पास 6.09 करोड़ की संपति है।
अशोक चौधरी : मार्च 2018 में कांग्रेस से जदयू में आए अशोक चौधरी जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष है। मुज्जफरपुर के सकरा सीट से विधायक बने अशोक के पास 2.06 करोड़ की संपति है।
संतोष सुमन मांझी : विधान परिषद के सदस्य संतोष सुमन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे है। साथ ही साथ संतोष मांझी हम पार्टी के प्रधान महासचिव और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। डॉक्टरेट की डिग्री रखने वाले संतोष के पास 2. 57 करोड़ की संपति है। उनके ऊपर 1 क्रिमिनल केस है।
मुकेश सहनी : विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संस्थापक मुकेश सहनी पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर थे। 2015 के चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। बाद में खुद की पार्टी बनाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थे। इस बार सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन राजद के युसुफ सलाहुद्दीन से महज 1,759 वोटों से हार गए। 41 साल के मुकेश 8वीं पास है। उनके ऊपर सबसे ज्यादा 5 क्रिमिनल केस है। मुकेश सहनी 12. 11 करोड़ के मालिक है।
मंगल पांडेय : पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे भाजपा के मंगल पांडेय ग्रेजुएट है उनके पास 1.52 करोड़ की संपति है।
अमरेंद्र प्रताप सिंह : आरा से चौथी बार विधायक बने अमरेंद्र प्रताप की उम्र 73 वर्ष है। उनके पास 2 .08 करोड़ की संपति है।
डॉ. रामप्रीत पासवान : मधुबनी जिले के राजनगर से भाजपा के टिकट पर विधायक बने रामप्रीत की उम्र 67 साल है। उनके पास .05 करोड़ की संपति है।
जीवेश मिश्रा : दूसरी बार जाले से भाजपा विधायक बने जीवेश भूमिहार जाति से आते हैं। उनके ऊपर 5 क्रिमिनल केस दर्ज है। जीवेश की कुल संपति 3.57 करोड़ है।
रामसूरत राय : मुज्जफ्फरपुर के औराई से बीजेपी विधायक रामसूरत राय पर 3 क्रिमिनल केस दर्ज है। इन्हे भाजपा के कुबेर कह सकते है, इनके पास कुल 26. 88 करोड़ की संपति है।