MOTIHARI. महीने भर पहले गोपालगंज और केसरिया को जोड़ने वाली 263.48 करोड़ की लागत से बना सतर घाट पुल (Sattarghat Bridge) ध्वस्त हो गया है। जिससे आवागमन बिल्कुल ठप हो गया है।
दरअसल गंडक नदी (Gandak River) पर बनी यह नई नवेली पुल पानी का दबाव झेल नहीं पाई और देखते ही देखते गोपालगंज के तरफ का एक सिरा ध्वस्त हो गई। जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गयी है और पूर्वी चंपारण, तिरहुत और सारण समेत कई जिलों से संपर्क टूट गया है।
पुल की ऐसी भयावह स्थिति देखकर वहां के आम जनता में डर का माहौल है कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए, जिससे किसी को अपनी जान गवानी पड़े।
क्या नितीश सरकार का यही विकाश है?
टूटे हुए पुल के दृश्य को देखकर यहीं लगता है कि सरकारी इंजीनियरों एवम् ठेकेदारों द्वारा रुपया पचाकर सस्ते मूल्यों के समान का उपयोग कर के अनौपचारिक ढंग से इस पुल का निर्माण किया गया था जो अब ध्वस्त हो चुका है। आखिर जिस पुल का उद्घटन मुख्यमंत्री ने खुद किया हो वह एक महीने के अंदर कैसे ध्वस्त हो सकती है?
महीने भर पहले मुख्यमंत्री ने किया था उद्घाटन
बता दे, 16 जून 2020 को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतू का उद्घाटन किया था। जबकि इस सेतु के निर्माण की शुरुआत 2012 में हुई थी।
गंडक नदी पर बना यह पुल 1440 मीटर लंबा है
बता दें कि केसरिया के ढेकहां गांव के गंडक नदी पर बना यह पुल 1440 मीटर लंबा है। पुल बनवाने की मांग क्षेत्र के लोग वर्षों से कर रहे थे। रवि झा (ब्यूरो रिपोर्ट, न्यूज़ 24 बाईट)