नई दिल्ली. लॉक डाउन के वजह से देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवाशी लोगों की परेशानियां दूर होने का नाम नहीं ले रही। हालाँकि प्रवाशी मजदूरों के घर वापसी के लिए सरकार ने सैकड़ो स्पेशल ट्रेने चलाई है, इन ट्रेनों में मजदूरों से किराया नहीं ली जा रहीं।
वही अन्य लोगों के लिए भी 12 मई के बाद से 30 स्पेशल ट्रेन चलायी जा रहीं हैं। इन ट्रेनों के जरिए दिल्ली से डिब्रूगढ़, मुंबई, तिरुअनंतपुरम, चेन्नई, बेंगलुरु, सिकंदराबाद, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना, रांची, गुवाहाटी, अगरतला, मडगांव, मुंबई सेंट्रल इत्यादि शहरों के लिए रेल यात्रा उपलब्ध कराया गया है।
इन सभी ट्रेन के लिए सरकार राजधानी जितना किराया उसूल रही है। साथ ही इनकी ऑनलाइन बुकिंग सिर्फ़ लॉकडाउन अवधि के लिए ही की जा रही है।
किराया काफी ज्यादा होने के वावजूद सरकार के द्वारा शुरू की गयी 30 स्पेशल ट्रेन के खबर से वैसे लोग जो मजूदरों के श्रेणी में नहीं आते है उनमें राहत थी। उन्हें लगा की वे भी अब अपने घर वापसी कर पाएंगे लेकिन जैसे ही ट्रेन की ऑनलाइन बुकिंग 11 मई से शुरू हुई, कुछ ही घंटो में अगले 18 मई तक के टिकट बुक हो चुके थे।
लोगो के घर जाने की हसरत पूरी नहीं हो पायी। बता दे, सरकार ने जैसे ही लॉक डाउन के दौरान ट्रेनें चलाने का ऐलान किया देश में रेल ई-टिकटिंग का बदनाम ब्लैक मार्केट फिर जोरशोर से एक्शन में आ गया। जोरो से कालाबाज़ारी होने लगी है, इसमें रेलवे बोर्ड की भी खामियां देखने को मिल रही। आप इसी से अंदाज़ा लगा सकते है, कि टिकट बुकिंग स्टार्ट होने के मात्र 30- 40 सेकेंड के अंदर खत्म हो जाते है।
अगर आप 30 सेकेंड के अंदर टिकट बुक कर भी देते है, तो येन वक्त पर कोई ना कोई इरर आने के वजह से टिकट तो बुक नहीं हो पाता लेकिन पैसे जरूर कट जाते है। ऐसे हजारों लोग है जो रोज कोशिश करते है, फिर भी उन्हें टिकट नहीं मिल पाती, लेकिन दलाल बड़े आसानी से रोज टिकट निकल लेते है और फिर मनचाहे रेट पर उन्हें बेचते है।
दिल्ली के पहाड़गंज का इलाका हो या कोई और जगह स्ट्रीट एजेंट्स और दलाल बल्क में ट्रेन सीट रिजर्व करा रहे हैं, फिर उसे ज़रूरतमंदों को मोटे प्रीमियम पर उपलब्ध करा चांदी कूट रहे हैं।