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मरकज ने फैलाया करोना का मकड़ा जाल, जानिए Markaz का सच, मरकज से निकले 380 हुए कोरोना पॉजिटिव

News24 Bite

April 2, 2020 9:59 am

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह का इलाका सोमवार को अचानक सुर्ख़ियो में आ गया, जब तेलंगाना में करोना से छह लोगों की मौत हो गई, एवं और भी कई लोगो में खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई, पड़ताल किया गया तो पता चला ये सभी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज में आयोजित धार्मिक जलसे में शामिल होने के बाद घर लौटे थे। यह जलसा था तब्लीगी जमात का।

निजामुद्दीन इलाके में सैंकड़ों लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन लोगों को जांच के लिए भेजा। इसी बीच खबर आई की निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (सेंटर) के एक कार्यक्रम में शामिल होने कऱीब तीन हजार से ज्यादा लोग 67 देशो एवं देश के 22 राज्यों के अलग अलग हिस्सों से आए थे। इन शामिल लोगो में 281 लोग विदेशी थे, बता दे इस तब्लीगी जमात में पाकिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के लोग काफी तादाद में सामिल थे एवं इन देशो में करोना का कहर बाकी देशो से कही ज्यादा है जोकि चिंता का विषय बन गया हैं। वही इसकी खबर मिलते ही मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस को मरकज से लोगों को निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और करीब 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद 2,361 लोगों को वहां से निकाला गया। मंगलवार को मरकज का मामला सामने आने के बाद देश में मरीजें की संख्या में इजाफा देखने को मिला।

फ़िलहाल , दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि निजामुद्दीन के तबलीगी- ए-जमात के मरकज को पूरी तरह खाली करा लिया गया और मरकज़ से निकाले गए 2,361 लोगों में से 617 को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं तथा बाकियों को क्वारंटाइन में रखा गया है। अब तक खबरों की माने तो देश के अलग अलग हिस्सों में निजामुद्दीन मरकज से निकले करीब 380 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।

दिल्ली सरकार ने अभी तक करोना को लेकर कुल 714 लोगो की टेस्ट करवाई है, और इन 714 लोगो में से 441 लोग केवल तब्लीगी जमात के लोग है। दिल्ली में अभी तक कुल 97 करोना के मरीज पाए गए है जिसमे से 24 केवल तब्लीगी जमात के लोग है।

कौन है? मौलाना साद

मौलाना साद दक्षिण दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात का अमीर यानी मुखिया हैं। मौलाना साद का पूरा नाम मुहम्मद साद कंधालवी है। मौलाना का जन्म दिल्ली में 10 मई, 1965 में हुआ था। मौलाना साद के परदादा मौलाना इलियास कांधलवी ने वर्ष 1926 में तबलीगी जमात की स्थापना की थी।

आप भी रहे सतर्क

आप सभी देश वासियों को भी तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के बारे में जानने की जरूरी है ताकि आप उनके किसी तरह के संपर्क में न आएं क्योंकि अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक, यह मरकज देश में कोरोना वायरस के मामलों में बड़ा इजाफा कर सकता है। बता दे मौलाना इलियास कंधालवी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला के रहने वाले थे। जिसके कारन वह अपने नाम के आगे कांधलवी लगाते थे। इसके बाद आने वाली सभी पीढ़ियों ने अपने नाम के आगे कांधलवी लगाना शुरू दिया है। जोकि यह सिलसिला अब चौथी पीढ़ी में भी जारी है।मौलाना साद खुद को तब्लीगी जमात के एकछत्र अमीर घोषित कर चुके हैं।

मौलाना साद है फरार

तब्लीगी जमात के जिम्मेदार लोगो के खिलाफ दिल्ली सरकार ने FIR के आदेश दे दिए है। पुलिस मौलाना साद की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगी है। वही FIR के आदेश मिलते ही मौलाना के शुर बदले से लग रहे है। 1अप्रैल को तब्लीगी जमात मरकज़ के मौलाना साद का नया वीडियो सामने आया है जिसमे उसने लोगो से अपने घर में रहने की अपील की है, साथ ही कह रहा की वह डॉक्टर की सलाह पर आइसोलेशन में है, गौरतलब है कि पहले उसने एक वीडियो के जरिए लोगो से बोला था “मस्जिद में जमा होने से नहीं होगी बीमारी, मस्जिद में मरने की जगह से कोई बेहतर जगह नहीं हो सकता”। जानकारी के अनुसार साद निजमुद्दीन में 28 मार्च तक देखा गया था, लेकिन फ़िलहाल गायब है, वह मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता है जिसके वजह से उसे ट्रेस करने में पुलिस को परेशानी हो रही है।

किस देश से कितने लोग शामिल हुए थे

इस तबलीगी जमात में नेपाल से 19, मलेशिया से 20, अफगानिस्तान से 1, Maymar से 33, एलजीरिया से , Kyrgyzstan से 28, सबसे ज्यादा इंडोनेशिया से 72, थाईलैंड से 71, श्रीलंका से 34, बांग्लादेश से 19, इंग्लैण्ड से 3, सिंगापुर से 1, फ़ीजी से 4, फ़्रांस से 1 तथा कुवैत से 2 लोग शामिल हुए थे।

आइए जानते हैं तबलीगी जमात के मरकज में किस राज्य से एवं कितने लोग आए है।

असम से 216 लोग शामिल हुए।
हैदराबाद से 55 लोग शामिल हुए थे।
केरल से 15 लोग
महाराष्ट्र से 109
मेघालय से 5
उड़ीसा से 15
राजस्थान से 19
रांची से 46
पश्चिम बंगाल से 73
यूपी से 157 लोग हुए थे शामिल

हरियाणा के 125 लोग हुए थे शामिल
पंजाब से 9 लोग आए थे
मध्य प्रदेश के 107 लोगों थे
कर्नाटक से 300 लोग शामिल हुए थे
पुडुचेरी के दो लोग शामिल हुए थे
बिहार से 86 लोग तबलीगी जमात में शामिल हुए थे
उत्तराखंड से 34 लोग आए थे
हिमाचल के 17 लोग हुए थे शामिल
गुजरात से थे 76 लोग
छत्तीसगढ़ से आए थे 101 लोगों
अकेले तेलंगाना से शामिल हुए थे 1200 लोग
राजस्थान से शामिल होने आए थे 37 लोगों बता दे पिछले तीन दिनों में कोरोना से वही लोग संक्रमित पाए गए हैं, जो मरकज आए थे।

आइए जनते है तब्लीगी, जमात और मरकज का क्या मतलब होता हैं?

बता दे, तब्लीगी, जमात और मरकज ये तीन अलग-अलग शब्द हैं। तब्लीगी का मतलब होता है, ‘अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला इंसान ‘। जमात अर्थ होता है, ‘लोगो का समूह’और मरकज का अर्थ होता है वह जगह जहाँ बैठक आयोजित किया जाए’।

यानि तब्लीगी जमात का मतलब होता है – ‘अल्लाह के संदेशो या कही बातो का प्रचार-प्रसार करने वाला लोगो का समूह। बता दे तब्लीगी जमात से जुड़े लोग जो पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं। और इनका एक सेण्टर होता है जहाँ सभी इकट्ठा होते है एवं सभा करते है उस स्थान को मरकज कहते है। गौरतलब है की इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है। एक दावे के मुताबिक इस जमात के दुनियाभर में 15 करोड़ फ़ॉलोवर हैं।

तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) क्या है ?

तब्लीगी जमात के बारे में कहा जाता है की इसकी शुरुआत इस्लाम का प्रचार-प्रसार और मुस्लिम को धर्म संबंधी जानकारियां देने के लिए की गई थी। इसकी स्थापना 1926 में हुई थी, कहा जाता है कि मुगल काल के दौरान कई लोगों ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था, लेकिन मुगल काल के बाद जब ब्रिटिश हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर उन लोगों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई, जिसके चलते मौलाना इलियास कांधलवी (Muhammad Ilyas Kandhlawi) ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तबलीगी जमात की स्थापना की, बता दे तबलीगी जमात आंदोलन की शुरुआत मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने हरियाणा के नूंह जिले के गांव से शुरू किया था। उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ मिलकर तबलीगी जमात का गठन किया, इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया।

इस संस्थान का क्या उद्देश्य है ?

तब्लीगी जमात के मुख्य रूप से 6 उद्देश्य या कहे “छ: उसूल” हैं, ये कलिमा (अल्लाह को एक मानना), सलात (नमाज), इल्म (शिक्षा), इक्राम-ए-मुस्लिम (, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तब्लीग है, इनसे जुड़े लोग इन्हीं बातों का प्रचार करते हैं।

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