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पूर्वी चंपारण के सरोतर गाँव का ‘उप स्वास्थ्य केंद्र’ आज भी अपनी बिरान एवं बदहाली पर पड़ा रो रहा

News24 Bite

March 28, 2020 8:53 am

मोतिहारी / आज देश में Coronavirus (COVID-19) से 873 लोग संक्रमित है जबकि 20 मौते हो चुकी है। इस महामारी में सहायता के रूप में करोड़ों रुपये बिहार के सांसद विधायक एवं अन्य ने मुख्यमंत्री राहत कोष मे दिया। लेकिन पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड के सरोतर गाँव का उप स्वास्थ्य केंद्र आज भी वीरान पड़ा हुआ है और अपने दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, इस स्वास्थ्य केंद्र को चालू करवाने के लिए अभी तक कोई सामने नहीं आया। करीब 20 वर्षो से यह अस्पताल बंद पड़ा हुआ है, अस्पताल की दीवारे बिल्कुल जर्जर एवं खंडहर हो चुकी है, कैंपस के नाम पर कुछ नहीं है यहाँ दिनरात कुत्ते एवं जानवरो का जमवाड़ा लगा रहता है।

बता दे इस अस्पताल के कुव्यवस्था एवं यहाँ डाक्टरों की तैनाती को लेकर गावं के लोगो ने कई बार आवाज उठाया एवं धरने किये लेकिन स्थिति जस का तस है। अबतक किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी कि इस पर नजर नहीं गई या कहे वे इसपर ध्यान ही नहीं देना चाहते। इस बंद पड़े अस्पताल की वजह से यहाँ के निवासीयों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है उन्हें इलाज के लिए यहाँ से 13 किलोमीटर दूर केसरिया या 35 किलोमीटर दूर मोतिहारी जाना पड़ता है, परंतु यहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इन गावं वालो की परेशानिया नहीं दिखती, उन्हें तो बस अपना वोट बैंक दीखता है, जब चुनाव आता है ये गावं में दिखाई पड़ते है इन्हे गावं वालो की परेशानिया दिखती है वादे भी करते है लेकिन चुनाव नतीजे आते ही भूल भी जाते है।

वही सेम्भूआपुर के सामजसेवी नीरज कुमार परफेक्ट ने कहा “बच्चपन से ही हम लोग ऐसे ही देखते आ रहे है, बहुतो आये और बहुतो गये परंतु ये अस्पताल अपनी बदहाली को ले कर तरसता रहा और सरकारी उपेक्षा का दंश झेलता रहा”।

इस अस्पताल को लेकर सरोत्तर एवं सेम्भुआपुर के नवजवानों, बुद्धिजीवियों के द्वारा बार बार आंदोलन भी किया गया जो खबरे सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में रेंगती रही किन्तु स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब आगे देखते है एवं केवल इंतजार करते है न जाने कब किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी की इसपर नजर पड़ जाये एवं इसका कल्याण हो जाए ।

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