कुछ अर्केष्ट्राओं की संदिग्ध आसूचना पर तथा एनसीपीसीआर नई दिल्ली के निर्देशन में अवैध आर्केस्ट्राओं पर मानव तस्करी रोधी इकाई क्षेत्रक मुख्यालय एसएसबी बेतिया कार्यालय 47वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल रक्सौल, सिकटा थाना पुलिस, बैरिया थाना पुलिस, साइबर थाना पुलिस बेतिया, मिशन मुक्ति फाउंडेशन(दिल्ली), बाल कल्याण समिति (बेतिया), रेस्क्यू एंड रिलीफ फाउंडेशन(प.बंगाल), प्रयास जुबेनाइल एड सेंटर(बेतिया), बाल चाइल्ड हेल्प लाइन(बेतिया) के सहयोग में पश्चीमी चंपारण (बिहार) में कई स्थानों पर सयुंक्त छापा मारी की गयी. अवैध आर्केष्ट्राओं की मनमानी को और नाबालिग लड़कियों के अधिकारों को देखते हुये, पश्चिमी चंपारण में कुछ स्थानों पर अवैध आर्केष्ट्राओं पर एक अभियान चलाया जा रहा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), नयी दिल्ली, भारत के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो प्रियांक कानूनगो ऐसे अवैध आर्केष्ट्राओं के प्रति बहुत गंभीर हैं अत: शीघ्र ही बिहार में इस विषय के सन्दर्भ में अधिक कार्यवाहीं के सन्दर्भ में विचार कर रहे हैं. एसएसबी एएचटीयू क्षेत्रक मुख्यालय बेतिया कार्यालय 47 वीं वाहिनी रक्सौल के मनोज कुमार शर्मा ने सयुंक्त छापामारी के पश्चात कहा कि बिहार के आर्केष्ट्राओं का काला सच किसी से छुपा नहीं हैं अर्केष्ट्राओं में अधिकतर कम उम्र की लड़कियों की मांग रहती है, नाबालिग लड़कियों को आर्केष्ट्राओं तक लाने के लिए बहुत सारे तरीके अपनाये जाते हैं उन्हें और उनके परिवारों को एक रात डांस करने के पचास हजार एक लाख रुपए कमाने का और फ़िल्मी एक्टर की तरह प्रसिद्ध होने का झांसा दिया जाता है. फिर जब नाबालिग लड़की अर्केष्ट्रा में आ जाती है तो उसके साथ ऐसा हो जाता है कि वो किसी से कह नहीं पाती और उसी नरक भरे अर्केष्ट्रा को अपना जीवन समझ लेती हैं, इन अर्केष्ट्राओं मे नाबालिग लड़कियों और बालिग़ के साथ जो अपराध अधिकतर पाए जाते हैं जैसे – हर वर्ष बहुत सी मासूम लड़कियों की हत्त्या हो जाती है, नाबालिग और बालिग लड़कियों का यौन शोषण, शारीरिक शोषण, श्रम शोषण, बिना ब्याही माँ बन जाती हैं, संचालक की रखैल बन कर रहती हैं, बहुत से कार्यक्रम में इनसे बहुत अश्लिल डांस करवाये जाते हैं, नाबालिग लड़कियों को गलत तरीके से छुआ जाता है। यदि कोई लड़की हिम्मत कर के भागने की कोशिश करती भी है तो उसको इतना मारा पिटा जाता है कि फिर कोई हिम्मत नहीं दिखा पाती. इस प्रकार के अति गम्भीर अपराधों को देख कर “मिशन निर्भया:” जैसा अभियान “सशस्त्र सीमा बल” (एसएसबी) द्वारा किया जाता रहा है.
मिशन मुक्ति फाउंडेशन(दिल्ली) के डाइरेक्टर वीरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अधिकतर आर्केष्ट्रा अवैध रूप से संचालित होते हैं कोई भी आर्केष्ट्रा संचालक जिलाधिकारी के पास आर्केष्ट्रा का पंजीकरण नहीं करता है जबकि इनका रजिस्टरेशन होना चाहिए और आर्केष्ट्रा में काम करने वालो की लिस्ट और उनके डोक्युमेंटस भी देगा, आर्केष्ट्रा सिर्फ संगीत या गाने के लिए ही पंजीकरण होता है इन आर्केष्ट्राओं में यदि लड़कियों से डांस करवाया गया तब वो अपराध माना जाएगा. अवैध आर्केष्ट्राओं में नाबालिग लड़कियों के शोषण को रोकने के लिए बिहार के प्रशासन और सिस्टम को इस सदंर्भ में बहुत गंभीरता से विचार करना ही होगा. सिकटा पुलिस थाना के प्रभारी राज रोशन ने जानकारी दी कि उनके सिकटा थाना क्षेत्र के शिकारपुर गाँव में संचालित पिंकी आर्केस्ट्रा म्यूजिकल ग्रुप से दो नाबालिग लड़कियों को आर्केस्ट्रा से मुक्त कराया गया इसमें एक लड़की जलपाईगुड़ी रहने वाली थी और दूसरी दिल्ली की रहने वाली थी और एक आर्केस्ट्रा मालिक को गिरफ्तार किया गया. बैरिया पुलिस थाना के प्रभारी ने जानकारी दी कि मलाही चौक के निकट में संचालित बरसा आर्केस्ट्रा से दो बंगाल की रहने वाली नाबालिग लड़कियों को आर्केस्ट्रा से मुक्त कराया गया और दो आर्केस्ट्रा व्यक्तियों को सम्पर्क में लिया गया।इस सफल रेस्क्यू टीम में इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा, उप सहायक निरीक्षक अनिल कुमार शर्मा, हवलदार अरविंद द्विवेदी, कांस्टेबल पम्मी मिश्रा, प्रभारी राज रोशन(सिकटा थाना पुलिस), प्रभारी मुकेश कुमार(बैरिया थाना पुलिस),इंस्पेक्टर धर्मेद्र कुमार(साइबर थाना बेतिया), डाइरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह मिशन मुक्ति फाउंडेशन(दिल्ली) व् दिलीप कुमार, चितरंजन गिरी (बाल कल्याण समिति,बेतिया) अक्षय पांडे रेस्क्यू फाउंडेशन(दिल्ली) प्रयास जुबेनाइल एड सेंटर(बेतिया) से पवन कुमार अमित कुमार, अनुप्रिया विलियम, आलोक कुमार (बाल चाइल्ड हेल्प लाइन, बेतिया)