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9 दिन 19 बार : कर के डीज़ल और पेट्रोल महंगा, सरकार दिखा रही ग़रीबों को ठेंगा – तेजस्वी

  • पेट्रोल डीज़ल और गैस के दाम का सीधा-सीधा असर महँगाई पर पड़ता है - तेजश्वी
  • राजद ने पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर साइकिल मार्च किया और रस्सी से ट्रैक्टर खींचा

News24 Bite

June 26, 2020 5:12 am

पटना. देश में लगातार 19 दिनों से पेट्रोल और डीजल के कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। जिसको लेकर तेजश्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में राजद के नेताओं ने पटना में साइकिल (Bicycle) से मार्च और रस्सी से ट्रैक्टर खींच विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में तेज प्रताप यादव भी दिखे। नेता प्रतिपक्ष तेजश्वी ने पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है।

तेजश्वी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमे उन्होंने लिखा है :

पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ें है लगातार,
बेरोजगारी, पलायन और कोरोना से था ही हाहाकार,
और अब ऊपर से महँगाई का यह सरकारी अत्याचार

एक तो नीतीश जी का करेला कड़वा, ऊपर से केंद्र का नीम चढ़ा!

तेजश्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा आज देश का गरीब सरकार के चौतरफा मार से त्रस्त है। लोगों के काम, रोजगार छिन गए हैं। जो श्रमिक बन्धु वापस लौटे थे, नीतीश जी की शिथिलता और नाकामी के कारण वापस लौटने को मजबूर हैं। एक तो आमदनी नहीं, ऊपर से महँगाई की मार! एक तो नीतीश जी का करेला कड़वा, ऊपर से केंद्र का नीम चढ़ा!

सबसे ज्यादा परेशान सबसे गरीब

उन्होंने कहा पेट्रोल डीज़ल और गैस की बढ़ती कीमतों का सबसे ज्यादा असर हाशिये पर खड़े गरीबों पर पड़ता है, किसानों पर पड़ता है, मजदूरों पर पड़ता है। नीतीश सरकार ने बिहार के गरीबों की आमदनी के रास्ते बंद कर दिए हैं तो केंद्र जो भी सीमित आमदनी है उसे भी चूस लेने की सारी जुगत लगाए है। पेट्रोल डीज़ल और गैस के दाम का सीधा-सीधा असर महँगाई पर पड़ता है और महँगाई से सबसे ज्यादा परेशान सबसे गरीब लोग ही होते हैं। आज बिहार की बेरोजगारी दर 46.6% के पार हो चुकी है। काम के अभाव में लोग दो जून की रोटी को तरस रहे हैं! कोरोना संकट के बीच अपना घर बार छोड़, अपनी जान की चिंता छोड़, अपने परिजनों को बिहार सरकार की क्रूरता से पिसता छोड़ काम की तलाश में दूसरे राज्य जाने को मजबूर हैं।

भाजपा और जदयू की केंद्र व राज्य सरकार ने बिहार के नागरिकों को देशभर में खूब सताया है! इन दोनों दलों की एकमात्र चिंता बिहार के चुनाव हैं, सत्ता है! ये चाहते ही हैं कि बिहार के मज़दूर पुनः पलायन कर जाएँ ताकि आगामी चुनाव में इन्हें इनके क्रोध का सामना नहीं करना पड़े! मरते इंसान इनके लिए बस एक संख्या है, बेरोजगारी बस एक आंकड़ा है, महँगाई इनकी शब्दावली में है ही नहीं।

राजद का साइकिल मार्च और रस्सी से ट्रैक्टर खींचना

गुरुवार को राजद के नेताओ ने पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर साइकिल मार्च किया और रस्सी से ट्रैक्टर खींचा। उन्होंने कहा यह बिहार के नागरिकों को बिहार और केंद्र सरकार के क्रूर चेहरे को दिखाने के लिए किया है! इन सरकारों को बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है! आज हर बिहारी ग़रीबी, बेरोजगारी, महँगाई और बीमारी से खुद ही जैसे तैसे जूझ रहा है क्योंकि सरकार का ध्यान बस चुनाव प्रचार मंच सजाने और किसी भी तरह सत्ता पाने तक ही सीमित है! आपका अस्तित्व उनके लिए चुनाव में मतदान करने तक ही सीमित है और रहेगा।

तेजश्वी ने कहा : सभी साथी 15 वर्षों की इस निकम्मी सरकार से बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य और क़ानून व्यवस्था के अलावा विकराल ग़रीबी, बेरोजगारी व महँगाई पर सवाल किजीए। आमदनी बढ़ाने की बजाय यह क्रूर सरकार आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है। अगर 15 साल बाद इन्हें सबक़ नहीं सिखाया तो आगामी वर्षों में यह सरकार जीना मुहाल कर देगी।

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