Surya Grahan 2020 : रविवार , 21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह सूर्यग्रहण रविवार सुबह 10.15 बजे से शुरू होगा। इसका सूतक शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू होगा। सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं किए जाते हैं। इस समय में सिर्फ मंत्र जाप कर सकते हैं। यह सूर्यग्रहण (Solar eclipse) साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा।
जाने ग्रहण का समय
रविवार, 21 जून को सुबह 10 :15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ध ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
जाने कंकणाकार सूर्य ग्रहण क्या होता है?
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल तंत्र साधकों के लिए बेहद ही श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है, कहा जाता है कि इस समय की गई आराधना का सम्पूर्ण फल प्राप्त होता है। मनचाही कामना पूर्ण होती है।
बता दे, जब सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी तीनों एक सीध में नहीं होते अर्थात चंद्र ठीक राहु या केतु बिंदु पर ना होकर ऊंचे या नीचे होते हैं। तब सूर्य का खण्ड ग्रहण होता है और जब चंद्रमा दूर होते हैं तब उसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती तथा बिम्ब छोटे दिखाई पड़ते हैं। उनके बिम्ब के छोटे होने से सूर्य का मध्यम भाग ही ढकता है। जिससे चारों ओर कंकणाकार सूर्य प्रकाश दिखाई पड़ता है। इस प्रकार के ग्रहण को कंकणाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार कंकणाकार सूर्य ग्रहण अमावस्या को पड़ता है।
ग्रहण के समय क्या नहीं करें