सावन के महीने के सोमवार दिन का महत्व बहुत ही ज्यादा माना जाता है। सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की व्रत पूजा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है, जिसमें भक्त भूखे रह भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करते हुए उनकी आराधना करते हैं। सावन में देवों के देव महादेव की विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस माह में शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति होती है, इसलिए इस महीनें का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। 22 अगस्त को सावन का महीना खत्म हो रहा है।
पहले सोमवार व्रत करने की विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प ले सकते हैं। फिर शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि सामग्रियों के साथ पूजा करनी चाहिए।पूजा के दौरान “ॐ सों सोमाय नम:” का मंत्र लगातार जाप करना चाहिए।एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि शिव के मंत्र का जप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
इस साल सावन सोमवार व्रत का पूरा लिस्ट
सावन माह का महत्व
सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता दिखाई पड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में कोई परेशानियां आ रही हैं उन्हें सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो सके। इस माह में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है, ऐसा पुराणों में कहा गया है।
" />Sawan Ka Mahina 2021 Date. आज यानि 26 जुलाई को सावन महीना की पहली सोमवारी व्रत के साथ भगवान शिव का पावन पूजा-पाठ शुरू हो गया है। बता दे, कल 25 जुलाई दिन रविवार को सावन महीना का पहला दिन था, इसी के साथ सावन की पावन महीनें की शुरुआत हो गई, सावन के इस पावन महीनें में भगवान शिव की आराधना और पूजा-पाठ की जाती है।
सावन के महीने के सोमवार दिन का महत्व बहुत ही ज्यादा माना जाता है। सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की व्रत पूजा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है, जिसमें भक्त भूखे रह भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करते हुए उनकी आराधना करते हैं। सावन में देवों के देव महादेव की विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस माह में शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है, साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति होती है, इसलिए इस महीनें का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। 22 अगस्त को सावन का महीना खत्म हो रहा है।
पहले सोमवार व्रत करने की विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प ले सकते हैं। फिर शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि सामग्रियों के साथ पूजा करनी चाहिए।पूजा के दौरान “ॐ सों सोमाय नम:” का मंत्र लगातार जाप करना चाहिए।एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि शिव के मंत्र का जप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
इस साल सावन सोमवार व्रत का पूरा लिस्ट
सावन माह का महत्व
सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता दिखाई पड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में कोई परेशानियां आ रही हैं उन्हें सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो सके। इस माह में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति भी हो जाती है, ऐसा पुराणों में कहा गया है।