MOTIHARI. लगातार हो रही बारिश और सिकरहना नदी के जलस्तर में इजाफा होने से पूर्वी चंपारण जिले के कि कई इलाके टापुओं में तब्दील हो गए है। जिला स्तर से अबतक सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है।
हर आदमी का सपना होता है अपना हो एक आशियाना। बडी मशक्कत के बाद लोग घर बनाते है, लेकिन पूर्वी चम्पारण में लोग अपने ही आशियाने को खुद के हाथों तोड़ने को विवश हो गए हैं। हर साल की तरह इस साल भी नदियों का तांडव शुरू हो गया है। पूर्वी चंपारण में गंडक और बूढ़ी गंडक नदियां तबाही मचा रही है।
सिकरहना नाम से चम्पारण में प्रसिद्ध बूढ़ी गंडक नदी का तांडव बारिश के साथ शुरू हुआ था जो अबतक जारी है। सिकरहना नदी ने पूर्वी चम्पारण के सुगौली प्रखंड में बाढ़ के साथ कटाव की गति को तेज किया है।
लाल परसा और भवानीपुर गांव में कटाव मुसीबत बन गया है। दर्जनों परिवारों के घर अपने गर्भ में समा लिया है। नदी का विकराल रूप से डरे सहमे लोग अपने घरों को खुद ही तोड़ रहे हैं। साथ ही सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। गांव वाले अपने परिवार को और घर को सुरक्षित करने में जुटे हैं। नदी के प्रकोप के आगे कुछ भी बच जाए इसके लिए अपने घर को खुद ही तोड़ रहे हैं।