MOTIHARI. रविवार को इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशेरीज ग्रेजुएट संघ बिहार की बैठक एस.एन.एस कॉलेज मोतिहारी में आयोजित हुआ जिसमें बहुत ही संख्या मे छात्र उपस्थित हुए। उपस्थित साथियों का स्वागत करते हुए बैठक का करवाई शुरु किया गया।
जिसमें वरुण कुमार पाण्डेय ने संघ के बैठक कि अध्यक्षता कि जिनके द्वारा बताया गया कि सबसे पहले सभी सदस्यों ने मत्स्य निदेशालय, बिहार सरकार को वर्ष 2004 में CIFE (ICAR) ने जो अनुशंसा बीएससी IFAF(Hon’s) के लिये किया गया था उस तथ्य को विभाग के उस समय के उच्च अधिकारियों के द्वारा लगभग 17 साल से छुपाये रखने के लिये बहुत ही दुःखद खेद व्यक्त किया गया ।
मत्स्य विभाग के उच्च पदाधिकारियों ने हमारे योग्यता रखने वालों के साथ शुरू से ही छल कपट किया है । हमसब मिलकर ये निर्णय लेने को मजबूर हो गए है कि हमलोगों का हक जो 17 साल से किसी दूसरे प्रदेश के लोग खा रहे है उसको सरकार से कैसे वापस लिया जाए ।
बिहार में सबसे ज्यादा IFAF(Hon’s) योग्यता रखने वाले छात्र हैं जबकि मत्स्य निदेशालय सिर्फ और सिर्फ BFSc योग्यता को बढ़ावा दे रहा है हमलोगों का हक BFSc वालो को दिया गया है जबकि CIFE ने स्पष्ट 2004 में ही अनुशंसा कर चुका है कि FEO के लिए IFAF(Hon’s ) योग्यता रखा जाए। हमलोगों बिहार सरकार से मांग करते है कि बिहार में जो भी 2004 के बाद FEO की बहाली की गई है उसको रद्द किया जाय तथा हमलोगों के साथ जो पदाधिकारी अन्याय किये हैं उनके ऊपर करवाई किया जाए साथ ही जो वर्तमान प्रखंड स्तरीय मत्स्य प्रसार पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने वाली है उसमे बीएससी इंडस्ट्रियल फिश एंड फिशेरिज के छात्रों को भी योग्य माना जाय अन्यथा हम बिहार के IFAF स्नातक बेरोजगार सरकार के समक्ष प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।
हमलोगों के साथ न्याय किया जाए हमलोगों बिहार से स्नातक कर बेरोजगार है और जो दूसरे प्रदेश के लोग मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों के तानाशाही के कारण यह नौकरी कर रहे है बिहार में महज 500 भी BFSc योग्यताधारी नही है जबकि Industrial fisheries स्नातक 10000+ की संख्या में है।