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बिहार : पंचायत (मुखिया) चुनाव को लेकर बड़ी खबर, अप्रैल के आखिरी सप्ताह में बड़ा फैसला आने की संभावना

  • संजीव सुमन की रिपोर्ट

News24 Bite

April 12, 2021 12:46 pm

पटना. बिहार में होने वाले इस वर्ष पंचायत चुनाव को लेकर अभी तक उहापोह की स्थिति बनी हुई है। कभी कुछ खबर आ रही है तो कभी कुछ। देखा जाए तो अभी तक कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। यहाँ तक बिहार सरकार और उसके ठींक टैंक भी सही-सही कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। फिर भी राज्य में कयासों का दौर जारी है। लेकिन अब तक जो खबर है उसके अनुसार, बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां अपने जोरों पर है।

बता दें कि पंचायत चुनाव में मुखिया, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य समेत 6 पदों के लिए एक साथ चुनाव होते आए हैं, लेकिन अब तक चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हो सका है। हालांकि सभी उम्मीदवार जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए दिखाई दें रहे हैं। इसी बीच पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर एक बड़ी खबर फिर सामने आ रही है। जैसा कि सब को मालूम है कि इस बार बिहार में पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से नहीं ईवीएम से कराने का फैसला किया गया है, उसी के बाद यह मामला फंस गया लगता है। जिसके कारण चुनाव के तारीखों के ऐलान में देरी ही नहीं काफी देरी होती जा रही है, क्योंकि 2016 में 24 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव खत्म हो गया था, लेकिन इसबार तो शेड्यूल भी जारी नहीं हुआ है अब तक,जबकि 2016 में 25 फरवरी को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई थी।

गौरतलब हो कि पटना हाईकोर्ट में बिहार और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम और बैलेट पेपर को लेकर याचिका दाखिल हुई है, इसपर फिलहाल कोई फैसला नहीं आ सका है।जानकारी के लिए आपको बता दें कि अब तक 7 बार फैसला टल चुका है।ऐसा पहले माना जा रहा था कि 19 फरवरी को पटना हाईकोर्ट मामले पर फैसला सुना देगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।अब 21 अप्रैल को इसपर फैसला आने की उम्मीद की जा रही है। पटना उच्च न्यायालय के फैसले की देरी के बाद माना जा रहा है कि 21 अप्रैल को कोई डिसीजन आ सकता है,लेकिन फैसले की देरी से एक बात तो स्पष्ट है कि इसबार तय समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो सकता है।अगर इस बार 21 अप्रैल को हाईकोर्ट अपना फैसला सुना देता है तो चुनाव प्रक्रिया को पूरा होने में अगस्त तक का समय लगने की संभावना होगी।

आपको बता दें कि पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हो पाया है, जिसके लिए सबसे बड़ी वजह ईवीएम की अनुपलब्धता बताई जा रही है। गौरतलब हो कि बिहार पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन की अनुपलब्धता मामले में पटना हाईकोर्ट ने अगले महीने 6 अप्रैल तक सुनवाई को टाल दिया था, दरससल बिहार में इसबार पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन से वोटिंग कराने की तैयारी है लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग को भारी मुश्किलों से गुरजना पड़ रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में इवीएम खरीदारी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र(NOC) नहीं मिल सका है, जिस मामले को लेकर बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की हुई है। याचिका में चुनाव आयोग के उस निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें सभी राज्यों के निर्वाचन आयोग के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वो ईवीएम/वीवीपैट की आपूर्ति और डिजाइन के पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी। गौरतलब हो कि बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम की खरीदारी होने वाली है, जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एनओसी देने कि अपील की थी। वहीं अभी तक एनओसी नहीं मिलने के कारण ईवीएम खरीद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है जिसके कारण चुनाव में भी देरी होती जा रही है।
आपको बता दें कि बिहार में पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीनों की खरीदारी करने से पहले भारत चुनाव आयोग से एनओसी लेने के लिए पत्र लिखकर इसकी मांग की गई थी।

ईवीएम के चलते फंसा पेंच

बता दें कि पंचायत चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक ईवीएम मशीनों की जरूरत है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल तकनीक कहा जाता है। हालांकि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग जोरशोर के साथ तैयारी में जुटी है। खबर यह भी है कि इलेक्शन के लिए चुनाव चिन्ह का अलॉटमेंट हो चुका है।राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक मुखिया पद के चुनाव के लिए कुल 29, सरपंच के लिए 19, वार्ड सदस्य के लिए 5 और पंचायत समिति के लिए 10 सिंबल निर्धारित कर दिए गए हैं।

मुखिया सीट के लिए ये सिंबल

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक मुखिया पद के चुनाव के लिए कुल 29 सिंबल निर्धारित हुए हैं। जो इस प्रकार है मोतियों की माला, ब्लैक बोर्ड, कलम और दवात, ईंट, पुल, बैगन, ब्रश, कैमरा, चिमनी, मोमबत्तियां, कार, गाजर, जग, टेलीविजन, टोकरी, बल्ला, केतली और कैरम बोर्ड समेत कुल 29 सिंबल अलॉट हुए हैं।

सरपंच के लिए ये सिंबल

ग्राम कचहरी के सरपंच पद के प्रत्याशियों के लिए 19 सिंबलों का निर्धारण हुआ है मोटरसाइकिल, नल, जीप, टमटम, छाता, टेलीफोन, ट्रक, पानी का जहाज, चरखा और तलवार जैसे सिंबल निर्धारित किया गया है। इसके अलावा ग्राम कचहरी के पंचों के लिए गुड़िया, चापाकल, कुर्सी, टार्च व ट्रैक्टर के सिर्फ पांच सिंबल ही निर्धारित किए गए हैं।

5 सिंबल वार्ड सदस्य को

वार्ड सदस्यों के प्रत्याशियों के लिए मात्र 5 ही सिंबल निर्धारित हैं, वे हैं वायुयान, अलमारी, कुल्हाड़ी, गुब्बारा और केला। आपको बता दें कि सरकार द्वारा वार्ड सदस्यों के पद की जिम्मेदारी बढ़ाने के बाद इस पद को लेकर प्रत्याशियों की रूचि बढ़ गई है।

पंचायत समिति के लिए 10 सिंबल

पंचायत समिति के सदस्यों के लिए कुल 10 सिंबल निर्धारित हैं, जिनमें छत का पंखा, नारियल, कंघा, चारपाई, कप और प्लेट, डोली, फ्राक, फ्राइंग पैन, गैस सिलिंडर और बिजली का पंखा शामिल किए गए हैं। इस तरह से देखा जाए तो बिहार निर्वाचन आयोग अपनी तरफ से पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी पूरी कर ली है लेकिन मामला अब अदालती फैसले पर आकर टिक गया है।देखना होगा अदालत अपना फैसला अगली सुनवाई में करेगा।कुछ कहा नहीं जा सकता,देखते हैं आगे अदालत का रूख क्या होता है?

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