पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है… जहां नीतीश सरकार ने सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगो के लिए आऱक्षण का दायरा बढ़ा दिया है। साथ ही साथ अब नयी जातियों को भी इस दायरे में शामिल कर लिया गया। राज्य सरकार उनके लिए भी प्रमाण पत्र जारी करेगी जिससे उन जातियों को भी आऱक्षण का लाभ मिल सकेगा।
9 जातियों को मिल रहा था लाभ
बिहार में फरवरी 2019 से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान लागू है। इसके तहत वैसी जाति के गरीबों को आरक्षण मिलता है जो पहले से किसी औऱ आऱक्षण के दायरे में नहीं हैं। यानि वैसी जातियों के लोगों को ये आरक्षण मिलता है जो अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा या अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के दायरे में नहीं आते। बिहार में ऐसी 9 जातियां चिह्नित किया जा चुका हैं जिनके गरीबों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का लाभ मिल रहा था।
शुरू में ये लाभ हिन्दू धर्म के सवर्ण यानि ब्राह्ण, राजपूत, भूमिहार और कायस्थ जाति के लोगों के साथ साथ मुस्लिम धर्म के सैय्यद, शेख औऱ पठान जाति के लोगों को मिल रहा था। पिछले साल सरकार ने सिंधी औऱ खत्री जाति के लोगों को भी इस आऱक्षण का लाभ देने का फैसला किया था। यानि कुल मिलाकार 9 जाति के गरीबों को आर्थक रूप से कमजोर होने का सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है, जिससे उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल रहा था।
नितीश सरकार ने किया संशोधन
वही अब राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए नया आदेश जारी किया है। इसमें नये सिरे से वैसी जातियों का वर्गीकरण किया गया है जिन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का लाभ मिलेगा। सरकार की ओऱ से जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार में रह रहे वैसे तमाम लोग जो अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछडा औऱ अत्यंत पिछडा वर्ग के दायरे में नहीं आते उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में रखा जायेगा। ऐसे हर तबके के लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा जिससे उन्हें आऱक्षण का लाभ मिल सकेगा।