PATNA. बिहार के 5 करोड़ की आबादी के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें घंटो लंबे महाजाम से हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी। पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) के पुनर्निर्माण का काम पूरा हो चुका है। शुक्रवार (31 जुलाई) को इसके पश्चिमी हिस्से के दो लेन से गाड़ियां चलने लगीं है।
नितिन गडकरी ने किया पुल का उद्घाटन
आज (शुक्रवार, 31 जुलाई) को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु पर नवनिर्मित (Renovations) पश्चिमी लेन का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नितीश कुमार (CM, Nitish Kumar), केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राम विलास पासवान, नित्यानंद राय, अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के उपमुख्यंत्री सुशील कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जुड़े।
पुल की डिजाइन लाइफ एक सौ वर्ष है
बता दे, उत्तर और दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन माने जाने वाले गांधी सेतु का यह पश्चिमी लेन तीन साल में करीब 1400 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। पहले से बने पश्चिमी लेन को तोड़ कर उसमे लगे कंक्रीट हटाकर स्टील सुपर-स्ट्रक्चर लगाया गया।
पुल में कुल 45 स्पैन बनाये गये हैं, एक स्पैन में 33 हजार मीट्रिक टन स्टील लगी है। 5575 मीटर लंबा है यह लेन, जिन्हें चौड़े स्टील ट्रश के सहारे बनाया गया है।
बताया जा रहा है कि इस पुल की डिजाइन लाइफ एक सौ वर्ष है। आज से इसके पश्चिमी हिस्से के दो लेन से गाड़ियां चलने लगीं है। इसके बाद पूर्वी लेन को तोड़कर पुनर्निर्माण करने का काम शुरू किया जायेगा। यह 2022 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
चारों लेन के पुनरुद्धार में कुल 1742 करोड़ रूपये खर्च होंगे
मंत्री नंद किशोर ने बताया कि सेतु के चारों लेन के पुनर्निर्माण (Renovations) में कुल 1742 करोड़ रूपये खर्च होंगे तथा 66 हजार 360 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया जाना है। रवि झा ब्यूरो रिपोर्ट, न्यूज़ 24 बाईट)