बता दे, रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम कंपनियों को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। जियो के आने से पहले तक देश में 9 प्राइवेट कंपनियां थीं, लेकिन अब सिर्फ जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ही बचीं है। जियो के आने से टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वॉर छिड़ गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि बाकी कंपनियों को अपने टैरिफ की कीमतें घटानी पड़ीं। जिससे उनकी रेवेन्यू पर काफी असर पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, जियो के आने से पहले जून 2016 में कंपनियां एक यूजर से हर महीने औसतन 155 रुपए कमाती थीं। वही जून 2020 में कंपनियों का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) 90 रुपये पहुंच गया है।
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने के पीछे दो कारण हैं :
पहला कारण : रिपोर्ट के अनुसार जुलाई, अगस्त और सितंबर में जियो ही इकलौती ऐसी कंपनी है, जो फायदे में रही। उसे 2,844 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। जबकि वोडाफोन-आइडिया को इस तिमाही में 7,218 और एयरटेल को 763 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
दूसरा कारण : टेलीकॉम कंपनियों पर स्पेक्ट्रम फीस और लाइसेंस फीस के तौर पर 1.69 लाख करोड़ रुपये सरकार का बकाया है। वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कंपनियों को अगले 10 साल में यह बकाया राशि चुकाना है। जबकि, 31 मार्च 2021 तक कुल बकाये का 10% देना है। एयरटेल पर 88,251 करोड़ और वोडाफोन-आइडिया पर 1.14 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
" />मोबाइल यूजर्स को एक बार फिर से झटका लगने वाला है। मोबाइल का बिल 30% बढ़ सकता है। देश की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियां वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और रिलायंस जियो अपने टैरिफ प्लान में 20% की बढ़ोतरी करने की तैयारी में हैं। कंपनियां अपने घाटे से उबरने के लिए ऐसा कर रही है।
बता दे, रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम कंपनियों को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। जियो के आने से पहले तक देश में 9 प्राइवेट कंपनियां थीं, लेकिन अब सिर्फ जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ही बचीं है। जियो के आने से टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वॉर छिड़ गया। जिसका नतीजा ये हुआ कि बाकी कंपनियों को अपने टैरिफ की कीमतें घटानी पड़ीं। जिससे उनकी रेवेन्यू पर काफी असर पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, जियो के आने से पहले जून 2016 में कंपनियां एक यूजर से हर महीने औसतन 155 रुपए कमाती थीं। वही जून 2020 में कंपनियों का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) 90 रुपये पहुंच गया है।
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने के पीछे दो कारण हैं :
पहला कारण : रिपोर्ट के अनुसार जुलाई, अगस्त और सितंबर में जियो ही इकलौती ऐसी कंपनी है, जो फायदे में रही। उसे 2,844 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। जबकि वोडाफोन-आइडिया को इस तिमाही में 7,218 और एयरटेल को 763 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
दूसरा कारण : टेलीकॉम कंपनियों पर स्पेक्ट्रम फीस और लाइसेंस फीस के तौर पर 1.69 लाख करोड़ रुपये सरकार का बकाया है। वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कंपनियों को अगले 10 साल में यह बकाया राशि चुकाना है। जबकि, 31 मार्च 2021 तक कुल बकाये का 10% देना है। एयरटेल पर 88,251 करोड़ और वोडाफोन-आइडिया पर 1.14 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी है।