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फिरौती किंग : दुश्मन का सिर काट कर मंदिर पर चढ़ा दिया, कभी पकड़ा नहीं गया

  • हरि सिंह 235 मुकदमो , 50 से अधिक मर्डर, और 200 से ज्यादा अपहरण मामलो में संलिप्त रहा है
  • विपक्षी गैंग के डकैत का सिर काटकर भैरव पर चढ़ाया

News24 Bite

December 17, 2021 11:11 am

चंबल के कुख्यात डाकू हरी सिंह परमार की कहानी. चंबल…ये नाम आपने कई बार यकीनन सुना होगा। फिल्मों में चंबल के बीहड़ देखे भी होंगे। यकीन मानिए, जिस चंबल से आज हम आपको रुबरू कराने जा रहे हैं, उसके बारे में न आपने सुना होगा और न ही देखा होगा। चंबल का इलाका जितना खूबसूरत है, उससे भी कहीं ज्यादा डरावना है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में करीब 260 किलोमीटर के दायरे में फैले चंबल के बीहड़ों में आना तो दूर, लोग करीब से गुजरने से भी लोग कतराते हैं।

चंबल कुख्यात है पान सिंह तोमर, मलखान सिंह, फूलन देवी, सीमा परिहार, रेणु परिहार जैसे बड़े डकैतों के लिए। क्या आपने हरि सिंह परमार का नाम सुना है? नहीं सुना है तो जान लीजिए कि आज बीहड़ों में खेती कर रहे हरि सिंह का नाम 7 साल पहले तक फिरौती किंग के तौर पर मशहूर रहा था। कहते हैं कि उसने अपने दुश्मन का सिर काटकर मंदिर में चढ़ा दिया था। वह कभी पकड़ा भी नहीं गया।

चाय बनाने की तैयारी करता हरि सिंह का भाई बिजेंद्र सिंह

हरि सिंह 235 मुकदमो , 50 से अधिक मर्डर, और 200 से ज्यादा अपहरण मामलो में संलिप्त रहा है।

जमीन विवाद के बाद बना बागी

धौलपुर के डांग क्षेत्र के गांव सेवर में किसान परिवार में जन्मे और पहलवानी का शौक रखने वाले हरीसिंह ने जमीनी विवाद को लेकर बंदूक उठा ली और आठ साल तक बीहड़ में आंतक का पर्याय बना रहा।

हरि सिंह परमार के जमीन पर गांव के कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था। यह बात है 1985 की। जब चार साल तक कोई फैसला नहीं हुआ। तो 1989 में उन्होंने जमीन पर कब्ज़ा करने वाले दो लोगों की गाला रेत कर हत्या कर दी। और बीहड़ की दुनियां में कदम रख दिया। बाद में उसने अपनी गैंग बनाई। धीरे-धीरे वारदातों का सिलसिला बढ़ता गया। और उसके आतंक से चंबल समेत अस-पास के क्षेत्रों के लोग थर्राने लगे थे।

बीहड़ में डाकू फोन चार्ज करने के लिए इसी सोलर पैनल का इस्तेमाल करते है

वर्ष 1989 से 1996 तक आठ साल तक बीहड़ में रहते हुए उसने 200 से अधिक अपहरण व फिरौती की वारदातों को अंजाम दिया।

पुलिस की वर्दी में तहसीलदार का अपहरण

एक बार की बात है हरि सिंह चंबल से भटकते हुए बारां तक पहुंच गए थे। पूरी गैंग पुलिस की वर्दी में थी। बारां के तहसीलदार का अपहरण कर लिया था। तहसीलदार से बोले कि SP साहब बुला रहे हैं। वर्दी में थे, तो शक नहीं हुआ। फिर बीहड़ों में ले आए। राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश की पुलिस बीहड़ों में सर्च करती रही। पुलिस 35 दिनों तक तहसीलदार को तलाश नहीं सकी। आखिरकार 10 लाख की फिरौती लेकर ही तहसीलदार को छोड़ा गया था

विपक्षी गैंग के डकैत का सिर काटकर भैरव पर चढ़ाया

वही एक दूसरी घटना.. चंबल के बीहड़ों में भैरव बाबा का मंदिर बना हुआ है। लोग चढ़ावा करने आ रहे थे। विपक्षी गैंग के डकैत ने जात देने आए दो लोगों का अपहरण कर लिया। हरि सिंह को पता चला तो उसने विपक्षी गैंग को उन लोगों को छोड़ने का संदेश भिजवाया। विपक्षी गैंग ने छोड़ने से इनकार कर दिया। उन्हें फिरौती लेकर ही छोड़ा। हरि सिंह बताते हैं, ‘तब मैंने भैरव बाबा की सौगंध ली और 2 दिन बाद विपक्षी गैंग के मुखिया को पकड़ कर मंदिर पर ही सिर काट कर भेंट चढ़ा दी थी। तब से कोई भी जात करने जा रहे लोगों को परेशान नहीं करता है।

21 किलोमीटर पानी के अंदर ही तैरते हुए भाग निकला

बता दे, हरि सिंह का खौफ पूरे चंबल के साथ कई जिलों में फैल रहा था। बड़े-बड़े लोगों का अपहरण कर फिरौती लेकर ही छोड़ा जाता था। एक बार सरमथुरा में पुलिस ने पूरी गैंग को घेर लिया था। पुलिस से आमने-सामने की मुठभेड़ में हरि सिंह के भांजे व भतीजे की मौत हो गई। वह अपने भाई बिजेंद्र सिंह के साथ भाग निकला। चंबल को चारों ओर से 4 हजार पुलिसकर्मीयो ने घेर रखा था। लेकिन हरि सिंह ने नदी में लकड़ियों को पकड़ कर डेढ़ घंटे में 21 किलोमीटर पानी के अंदर ही तैरते हुए भाग निकला। बाद में पुलिस को सूचना देने वाले को मार दिया था।

हरि सिंह (बांए) और उनका भाई बिजेंद्र सिंह

पूर्व DGP के सामने किया सरेंडर

हरि सिंह पर दो लाख रुपए का इनाम रखा गया। उसका दबदबा पूरे चंबल के साथ करौली, कोटा, बूंदी, बारां, मुरैना, ग्वालियर, जालोन, आगरा में बढ़ता जा रहा था। पुलिस अधिकारी लगातार पकड़ने और सरेंडर के प्रयास कर रहे थे। पर असफल रहे थे। राजस्थान के तत्कालीन CM भैरों सिंह शेखावत और मध्य प्रदेश के तत्कालीन CM दिग्विजय सिंह ने सरेंडर कराने के प्रयास किए। तब जाकर MP के तत्कालीन DGP अयोध्या सिंह के सामने बाला घाटी में शर्तों के साथ सरेंडर किया। 14 साल जेल में काटे। जेल में भी विवाद हो गया था। बंदूकें चल गई थीं। सजा भी बढ़ गई थी।

फ़िलहाल जेल से सजा पाकर हरि सिंह आज बीहड़ में खेती करते हैं। उन्हें सरकार ने 300 बीघा जमीन दी थी। बीहड़ के दिनों के कुछ साथी उनके साथ यही रहते हैं। खुद ही खाना बनाते हैं। हालांकि, हरी सिंह का पूरा परिवार सेवर गांव में रहता है।

कभी राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अपराध का पर्याय रहे कुख्यात डकैत हरी सिंह परमार का कहना है कि समाज की मुख्य धारा ही असली जीवन है, अपराध की दुनियां बेकार है, अगर आपके सामने विपरित परिस्थतियां आए तो गुस्सा कम और दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार और पुलिस को भी पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए समय रहते सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

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