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नियोजित शिक्षकों की बड़ी घोषणा, हड़ताल और 17 फरवरी से पूर्ण तालाबंदी की घोषणा

News24 Bite

February 2, 2020 4:09 pm

▪राज्यहित में बिहार के शिक्षामंत्री को इस्तीफा देना चाहिए- मार्कंडेय पाठक
▪शिक्षकों को बगैर किसी भेदभाव के समान वेतन दें, अन्यथा जाने की तैयारी करे सरकार- अश्विनी पांडेय

बिहार / 17 फरवरी से बिहार के नियोजित शिक्षकों के हड़ताल को लेकर बिहार के शिक्षामंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने राज्यहित की दुहाई देते हुए उनसे हड़ताल पर ना जाने की अपील की थी वर्मा के इस बयान पर शिक्षकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गौरतलब है 17 फरवरी से बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर बिहार के चार लाख शिक्षक हड़ताल पर जा रहे हैं ।

एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा बिहार टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक ने शिक्षामंत्री के इस बयान पर गहरी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि राज्यहित में शिक्षामंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए । उन्होंने कहा जब शिक्षा विभाग स्वयं मुख्यमंत्री जी ही संभालेंगे तो अलग से शिक्षामंत्री बनाने की क्या जरूरत है ? श्री पाठक ने कहा कि राज्यहित में शिक्षकों को एक साथ समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए। राज्यहित में शिक्षकों को गैरशैक्षणिक कार्य से पूर्णत: मुक्त किया जाना चाहिए। राज्यहित में सरकारी विद्यालयों के कर्मियों के साथ भीषण भेदभाव बंद होना चाहिए। राज्यहित में सरकार नवप्रशिक्षित टीईटी शिक्षकों के फिक्सेशन करने में अडंगा न लगाऐं । लोकलुभावन योजनाओं की नौटंकी बंद करके सरकारी स्कूलों के समग्र विकास और बेहतर संचालन की योजनाऐं की जानी चाहिए । राज्यहित में बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकार को बहाल किया जाना चाहिए। राज्यहित में शिक्षा अधिकार कानून को समग्रता में लागु किया जाना चाहिए।

प्रदेश सचिव शाकिर इमाम और अमित कुमार ने कहा कि राज्यहित में समान स्कूल शिक्षा प्रणाली लागु किया जाना चाहिए। क्योंकि जनता का हित ही राज्यहित है। बच्चों का हित ही राज्यहित है। शिक्षकों कर्मचारियों का हित ही राज्यहित है। सरकारी संस्थाओं का हित ही राज्यहित है। सत्ताधारी पार्टी राज्य नही है। मुख्यमंत्री केवल राज्य नही हैं। शिक्षामंत्री राज्य का प्रतीक नही हैं। राज्यहित अपने निवासियों के हित की बुनियाद पर ही मजबूत हो सकता है।

वही टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ(गोपगुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि राज्यहित के नाम पर जनता की हकमारी कत्तई स्वीकार नही है। राज्यहित के नाम पर बच्चों को शिक्षा अधिकार से वंचित करने की साजिश को नही चलने देंगे । राज्यहित में शिक्षकों के बीच भीषण भेदभाव बनाये रखने नही देंगे । राज्यहित के नाम पर सरकारी स्कूली व्यवस्था को कत्तई ध्वस्त नही होने देंगे।

आपको बता दे 17 फरवरी से प्रदेश के चार लाख नियोजित शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। राज्यहित में नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन और सेवाशर्त दिया जाना चाहिए। जब तक शिक्षकों की मांग पुरी नही होगी, शिक्षक हड़ताल में बने रहेंगे।

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