PATNA. राज्य में हर दिन जमीनी विवाद को लेकर खून खराबा की कई अप्रिय घटनाएं घटती रहती हैं। इन तमाम तरह के विवादों से राज्य को छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने नई पहल की शुरुआत की है। राज्य के हर गाँव की नये सिरे से सीमा निर्धारण का काम शुरु होने वाला हैं। कई जगह यह कार्य शुरू भी हो चुका है। जानकारी के अनुसार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इसकी समीक्षा कर रही है। उनके अनुसार 15 मानकों पर सर्वे का कार्य हो रहा है।
बिहार के 20 जिलों में सर्वे कार्य शुरू
विभाग ने जो रिपोर्ट तैयार किए है, उसके अनुसार बिहार के सभी 40 जिलों मे से 20 जिलों में सर्वे कार्य हो रहा है। उन जिलों में से नालंदा, शिवहर और किशनगंज में सर्वे के कार्य से मंत्रालय सन्तुष्ट दिखाई दिया है। तो वही अररिया, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा और अरवल के कार्य में सुस्ती को लेकर असंतोष भी दिखा।
मंत्रालय के दिये रिपोर्ट के अनुसार, लगभग सभी जिलों में ग्रामसभा कर कागजी प्रक्रिया लगभग पूरी कर दी गई है। विभाग के द्वारा यह बताया जा रहा है कि सर्वे का काम अब अगले चरण की ओर बढ गई है, जिसमे जमीन पर काम शुरु होगा।
मंत्रालय के समीक्षा बैठक में सर्वे को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला और लिया गया, जिसमें तीन गाँवों की सीमा के मिलान बिन्दु पर मॉन्यूमेंट लगेगा। मॉन्यूमेंट 40 सेमी जमीन से ऊपर और 35 सेमी जमीन के अंदर होगा। मॉन्यूमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्वेकर्ता अन्तिम चरण में गाँव में प्रवेश करेंगे और हर प्लॉट का सर्वे करेंगे।
अमीनों का प्रशिक्षण शुरु
अमीन एक-एक खेत जाकर गाँव की बाउंड्री का निर्धारण करेंगे। तीन सीमा ढूंढ़कर उस जगह मॉन्यूमेंट लगाने का काम होगा और उसके पश्चात प्लाट का वेरिफिकेशन शुरु होगा। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए अमीनों का प्रशिक्षण शुरु कर दिया गया है। इस चरण में 60 अमीनों का प्रशिक्षण होगा। उसके बाद कानूनगो और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों का 14 दिन का प्रशिक्षण कार्य होगा। रिपोर्ट : संजीव सुमन