नई दिल्ली. लद्दाख़ के गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन और भारत के सैनिको के बिच हुए हिंसक झड़प के बाद सोमवार को दोनों देश के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की मीटिंग 11 घंटे तक चली। यह मीटिंग सुबह के 11.30 बजे शुरू हुयी जबकि देर रात को खत्म हुई। भारत की ओर से मीटिंग में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने हिस्सा लिया। जानकारी के अनुसार, इस मीटिंग में भारतीय अफसरों ने गलवान में हुई हिंसक झड़प पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की है।
चीन ने माना उसके कमांडिंग ऑफिसर समेत 2 सैनिक मारे गए
बता दे, चीन लगातार अपने मारे गए सैनिको के नाम छुपा रहा है, हालांकि चीन ऐसा पहली बार नहीं कर रहा उसकी वर्षो की आदत रही है अपने सैनिको के मौत की आकड़े को छुपाने की। वही अब चीन की सेना ने पहली बार माना कि 15 जून को गलवान में हुई झड़प में उसके कमांडिंग ऑफिसर समेत 2 सैनिक मारे गए। हालांकि, मिडिया रिपोर्ट्स की माने तो चीन के 40 से ज्यादा जवानों की मौत का दावा किया जा रहा है। ज्ञात हो गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला किया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स की लीपापोती
ग्लोबल टाइम्स जो चीन सरकार की न्यूज़ पेपर है, उसने एक ट्वीट करते हुए लिखा : ‘चीन ने हताहतों की संख्या जारी नहीं करने का कारण यह है कि इस संघर्ष को लेकर लोग किसी तरह की तुलना न करें जिससे बेवजह का तनाव बढ़े।’