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गहराते कोरोना संकट की घड़ी में शिक्षक जनता और सरकार के साथ

News24 Bite

March 22, 2020 2:47 pm
  • जनता कर्फ्यू को लेकर घरों में बंद रहे शिक्षक परिवार
  • सैल्फी विद फैमिली चलाकर शिक्षकों ने व्यक्त की अपनी पीड़ा
  • शिक्षकों ने आम जनमानस से सोशल डिस्टेंसिग को जारी रखने की अपील की
  • अपने मांगों के संबंध में 23 मार्च से 30 मार्च तक चलाया जाएगा ई-मेल कैंपेन
  • कोरोना वायरस और नियोजनवाद के खिलाफ संघर्ष रखेंगे जारी
  • हड़ताली शिक्षकों की मांगों पर विचार करके हड़ताल तोड़वाये सरकार
  • सप्ताह भर से चला रहे कोरोना जागरुकता- आगे भी सुरक्षा मानकों के साथ हैल्थ वालेंटियरी को हड़ताली शिक्षक तैयार
  • केरल की तर्ज पर कोरोना आपदा के खिलाफ ठोस पहल करे बिहार सरकार
  • लैब का प्रबंध हो और कोरोना जांच की नि:शुल्क व्यवस्था करे सरकार
  • सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें, मजबूती के साथ एकजुट रहें- धैर्यपूर्वक संघर्ष में बने रहें

बगहा / कोरोना (Coronavirus) महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टैसिंग को बढ़ावा देने और वायरस सर्किल तोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आहूत जनता कर्फ्यू का समर्थन करते हुए हड़ताली शिक्षक आज सपरिवार अपने घरों में बंद रहे। जनता कर्फ्यू के दौरान दिनभर शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर सैल्फी विद फैमिली कैंपेन चलाया। कैंपेन के दौरान शेव हेल्थ- शेव एजुकेशन एवं फाइट अगेंस्ट कोरोना और फाइट अगेंस्ट नियोजनवाद हैशटैग के साथ हड़ताली शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की।

इस बाबत टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक के हवाले से जानकारी देते हुए संघ के जिला सोशल मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार राउत ने बताया कि हड़ताली शिक्षकों ने अपने दमपर सप्ताह भर से कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया एवं बिना किसी सरकारी सहायता के आवश्यक सामग्रियों का वितरण भी किया है। शिक्षक आगे भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता और सरकार के साथ हैं। अगर सरकार आवश्यक सुरक्षा किट उपलब्ध कराए तो हड़ताली शिक्षक हेल्थ वालंटियर के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं। कोरोना के गहराते प्रकोप को देखते हुए बिहार सरकार को हठधर्मिता छोड़कर बिहार के हड़ताली शिक्षकों की मांगों सहायक शिक्षक- राज्य कर्मी का दर्जा के साथ पूर्ण वेतन एवं सेवाशर्त पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए उनकी हड़ताल तुड़वानी चाहिए।

कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जनसुरक्षा के मद्देनजर बिहार सरकार को कोरोना लैब टेस्ट समेत तमाम तरह के इलाज की व्यवस्था अविलंब करनी चाहिए तथा केरल के तर्ज पर आवश्यक आर्थिक पैकेज जारी करनी चाहिए। आवश्यक सामग्रियों की कालाबाजारी नयी नयी समस्याओं को पैदा कर रही है। मरीज की संख्या को देखते हुए निजी अस्पतालों को कम से कम दो महीना के लिए अधिग्रहित करते हुए उसमें तमाम पीड़ितों के नि:शुल्क इलाज की गारंटी होनी चाहिए। संगठन के जिलाध्यक्ष चंचल अविनाश, जिला महासचिव राजेश कुमार राय, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी शुभलक्ष्मी महाराज, संयोजक सोहनलाल लाल, राज्य कार्यकारिणी सदस्य औरंगजेब रजा, प्रवक्ता शुभ नारायण सोनी, कोषाध्यक्ष प्रशांत प्रियदर्शी आदि ने एक स्वर में कहा कि हड़ताली शिक्षक महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री और चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट को अपनी व्यथा रखते हुए अपने मांगों पर ईमेल भेजेंगे। यह कैंपेन कल से एक सप्ताह तक चलेगा। वहीं उपाध्यक्ष सुरेश राम, मृत्युंजय पाण्डेय, प्रदीप कुमार, सचिव कुन्दन तिवारी सहित क्षमेन्द्र कुमार, रविरंजन शुक्ल, उमाकांत राव, विक्रांत कुमार, राकेश राव, अजीत कुमार, घनश्याम प्रसाद आदि ने कहा कि यह वक्त कोरोना महामारी के खिलाफ एहतियातों के साथ मजबूती से एकजुट रहने का है तथा अपने हक की लड़ाई में धीरज के साथ डटे रहने का है, आपात स्थिति में शिक्षक समाज आम जनता एवं सरकार के साथ है।

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