Coronavirus Vaccine. कोरोना महामारी को एक साल पूरा हो चुके है। देश में अबतक कोरोना से 160,726 मौते हो चुकी है। काफी इंतजार के बाद आई वैक्सीन को कोरोना से लड़ाई का ढाल समझा जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्यवश यह वैक्सीन 100% सक्सेस की गारंटी नहीं है। एक बड़ी अख़बार दैनिक भास्कर के सर्वे के अनुसार इसका सक्सेस रेट केवल 81-82 प्रतिशत है।
भास्कर ने बिहार सरकार की ओर से कोविड के लिए डेडिकेटेड रहे नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) के डॉक्टरों एवं नर्सो का सर्वे किया । सर्वे में पाया गया कि दूसरी डोज लेने के 14 दिन गुजरते ही डॉक्टर्स ने खुद को सुरक्षित मान लिया और फिर बाद में पॉजिटिव हो गए। वही NMCH के शिशु रोग विभाग में लगातार तीसरे दिन कोरोना वॉरियर्स के पॉजिटिव होने की सूचना सामने आई है।
NMCH में जिन दो डॉक्टरों की रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई, उन में एक महिला और एक पुरुष हैं। दोनों बाल रोग विभाग में तैनात हैं। जानकारी के अनुसार पुरुष डॉक्टर ने 22 फरवरी को कोवैक्सीन की दूसरी डोज ली थी और महिला डॉक्टर ने 24 फरवरी को दूसरी डोज ली थी। इन दोनों डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद संस्थान में हड़कंप मच गया। दोनों में कोरोना के लक्षण मिले थे, इसके बाद जांच कराई गई थी। इन दो पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद शिशु रोग विभाग को बंद कर अन्य डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों की जांच कराई गई।
बुधवार को एक और डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसी दिन शाम को एक सिस्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फिर, गुरुवार को भी एक नर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस डॉक्टर ने भी एक महीने पहले वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी। दोनों नर्सों को भी कोवैक्सीन की दूसरी डोज लिए 14 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं।