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कोरोना संक्रमित के सांस छोड़ने पर हवा में फैल रहा कोरोना: वैज्ञानिकों का दावा

  • सबसे ज्यादा वायरस का खतरा टायलेट में
  • संजीव सुमन की रिपोर्ट

News24 Bite

April 19, 2021 9:10 am

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद ही भयावह होते जा रही है। अबतक कोरोना संक्रमण फैलने की सही वजह मालूम नहीं चल पाई है। कोरोना फैलने की वजहों पर दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे है। वही 15 महीने के कोरोनाकाल में रिसर्च के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि वायरस गर्मी में बहुत तेजी से फैल रहा है। इससे पहले माना जा रहा था कि वायरस सर्दियों में ज्यादा असर दिखाएगा। भारत सरकार के 17 वैज्ञानिकों के रिसर्च में सामने आया है कि गर्मी के कारण वायरस के फैलाव की क्षमता बढ़ जाती है।

हवा में सांस लेने से हो सकता है कोरोना

वही हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी(CCMB) रिसर्च सेण्टर के डायरेक्टर डॉ. राकेश के. मिश्रा ने बताया है कि गर्मी के मौसम में सांस तेजी से भाप बन जाती है। ऐसे में जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है तो वायरस छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाता है। वायरस के अतिसूक्ष्म कण सांस के साथ स्प्रे की तरह तेजी से बाहर आते हैं। फिर देर तक हवा में रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति बिना मास्क उस जगह पहुंचता है तो उसके संक्रमित होने की आशंका होती है। हालांकि, खुले वातावरण में संक्रमण का खतरा कम है, लेकिन अगर किसी हॉल, कमरे, लिफ्ट आदि में कोई संक्रमित व्यक्ति छींक भी ले, तो वहां मौजूद लोगों को संक्रमित होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

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रिसर्च में ये बात सामने आई:

वायरस हवा में फैल रहा?

CCMB के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सीएच मोहन राव के मुताबिक, वायरस हवा में भी फैल रहा है। उदाहरण के लिए किसी जगह संक्रमित व्यक्ति खांसता है तो उस 2-3 मीटर के दायरे में आने वाला व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।

वायरस हवा में कितने घंटे तक जीवित रहता है?

गर्मी में सांस के साथ निकले वायरस के कण बेहद छोटे होते हैं, इसलिए सर्दी के मुकाबले ज्यादा देरी तक हवा में रहते हैं। धूप में जल्दी खत्म भी हो जाते हैं। लेकिन, घरों के अंदर वायरस हवा में 2 घंटे तक रहता है। इसलिए घरों में वेंटिलेशन बेहद जरूरी है।

बंद कमरे ज्यादा खतरनाक क्यों हैं?

जिस हॉल में कोविड मरीज ने समय बिताया हो, वहां हवा में वायरस के कण 2-3 मीटर के दायरे में मौजूद रहते हैं। इसीलिए, घर में इलाज करा रहे लोगों को हवादार कमरे में रखने की सलाह दी जाती है।

क्या घर में मास्क पहनना जरूरी?

नहीं, लेकिन घर में अगर किसी कोरोना पॉजिटिव को क्वारैंटाइन किया गया हो तो बाकी सदश्यो को मास्क पहनना जरुरी है।

ऑफिस में संक्रमण की आशंका कितनी रहती है?

भले ही आप ऑफिस में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें, लेकिन अगर ऑफिस हवादार नहीं है, तो संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा रहेगा। क्योंकि, बंद जगहों पर वायरस ज्यादा देर तक रहता है। फिर सांस के जरिए वह लोगों के शरीर में चला जाता है।

सबसे ज्यादा वायरस का खतरा टायलेट में

संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा टायलेट में है। इसी लिए हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस टायलेट में जा रहे हैं, वहां कोई पिछले 30 मिनट में नहीं गया हो। टायलेट में मास्क पहनना बेहद जरूरी है। हाथ धोने के लिए साबुन ही बेहतर है। सैनिटाइजर का इस्तेमाल तभी करें, अगर साबुन उपलब्ध नहीं हो।

यात्रा के दौरान संक्रमण की कितनी संभावना भी ज्यादा

अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे है, तो 30 मिनट से ज्यादा सफर करने से बचे। कोशिश करें कि यात्रा को छोटे-छोटे हिस्सों में पूरा करें। अगर मास्क लगा हो तो संक्रमित व्यक्ति के पास 30 मिनट तक रहने से भी वायरस से बचा जा सकता है।

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