कविता. आया कोरोना भारत में भी, समस्या बनकर वैश्विक भूल समस्या छोड़े व्यस्तताबन गए हम धार्मिक।
पढते- पढ़ते पाठ आत्मसंयम का पहन गहना सतर्कता, जागरूकता का।
करें इस पर प्रहार वादा है मेरा वह हारेगा,
हम विश्व विजयी घोषित होगें भारतीय ध्वज लहराएगा।
जागरूक होंगे हम सब, जागरूक बनेगा समाज मेरा।
आया है बुरा दिन कट जाएगा कुछ पल में,
धैर्यता को धारण कर समाज को हम बताएँगे।
लॉक डाउन का पालन कर मनुष्यता का बोध कराएँगे।
दिव्यांश शेखर ( छात्र कवि )