नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के मामले बेकाबू होते जा रहें हैं। पिछले कुछ दिनों से हर रोज 2 लाख से अधिक मामले दर्ज होते आ रहें हैं। बढ़ते मामलों के चलते मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा है। अगर जिन्हें बेड मिल रहा, उन्हें ऑक्सीजन और दवाई के लिए काफी दिक्कतों का सामना पड़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना के बिगड़ते हालात को काबू में करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें हर संभव कोशिश करने में लगी है। संक्रमण को काबू में करने के लिए दिल्ली और राजस्थान में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। इन सभी जगहों पर फिलहाल 6-7 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है।
वहीं दूसरें राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। वहीं देश के कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जैसे फैसले लिए गए हैं ताकि कोरोना की भयावहता को कम करने में मदद मिल सकें और अस्पतालों में चरमराई व्यवस्था को ठीक किया जा सकें। इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले एक-दो दिन में कोरोना पर नियंत्रण के लिए कई बड़े और अहम फैसले लेते दिखाई पड़ें हैं। आइए जानतें हैं क्या हैं बड़े फैसले-
8 साल से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण
सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार ने ऐलान किया कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। यहाँ तक कि विपक्षी दल भी केंद्र सरकार से सभी के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने की मांग करते दिखाई पड़ रहे थे। आज प्रधानमंत्री मोदी के डॉक्टरों और दवा कंपनियों के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिए।
ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई
कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद कई राज्यों से ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही है।मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। सरकार ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभागके सचिव की अध्यक्षता में देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन समेत चिकित्सा उपकरणों, दवाओं आपूर्ति के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके अलावा, केंद्र की मोदी सरकार ने 22 अप्रैल से अगले आदेश तक औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है।
रेमडेसिवीर की कीमतों में कटौती
कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर इंजेंक्शन की कीमतों में सरकार ने दो दिन पहले ही कटौती कर दी थी। संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बाद इस इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ी हुई है। देश के ज्यादातर हिस्सों से इसकी उपलब्धता न होने की खबरें भी आने लगी थी। इसी के बाद केंद्र सरकार ने बढ़ते मांग के बीच उत्पादन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है।
पहले के मुकाबले अब कई गुना काफी ज्यादा उत्पादन हो रहा है और राज्यों को इसकी आपूर्ति की प्रक्रिया में भी तेजी ला दी गई है।
रेलवे का ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लेना
देश के हर हिस्से में कोरोना मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके, केंद्र सरकार ने इसकी भी व्यवस्था करने का काम कर दिया है। रेलवे मंत्रालय लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडरों की देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की तैयारी की है। बाधारहित ढुलाई की सुविधा के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के आवागमन के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का काम भी पूरा कर लिया गया है।
अस्थाई अस्पतालों की व्यवस्था भी की गई
कोरोना के मामलों में आई बढ़ोतरी का असर भारत के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पड़ता दिखाई दें रहा है।खबरें आ रही है कि अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं। मरीजों को कई-कई दिन के इंतजार के बाद अस्पताल में जगह मिल पा रही है। सही समय पर उचित इलाज नहीं मिलने के कारण मरीजों की जान भी जाती दिख रही है।कोरोना की भयावहता को देखते हुए केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों ने अस्थाई अस्पताल बनाने शुरू कर दिए हैं ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिलने में कोई दिक्कत ना आ पाए। दिल्ली कैंट और लखनऊ में डीआरडीओ और छतरपुर में सेना ने अपनी व्यवस्था शुरू भी कर दी है।यहाँ तक कि रेलवे के कोच भी मरीजों के लिए इस्तेमाल में लाए जाने की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस तरह से देखा जाए तो मोदी सरकार अपने तरफ से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जितनी जल्दी हो सके उचित कदम उठाना शुरू कर दिया हैं।देखते हैं आगे क्या होता है।