आज के दिन हिंदू धर्म की सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना से पूरे दिन बिना भोजन और पानी पिए व्रत रखती है। तथा शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देती हैं। उसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण तथा पारण कर व्रत पूरा करती हैं।
इस दिन महिलाओं को सबसे ज्यादा इंतजार चांद के निकलने का होता है। अमूमन चांद जल्दी निकलता है, लेकिन चौथ के दिन ही इसके निकलने का समय सबसे ज्यादा होता है। महिलाओं को काफी इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि इस दिन सूर्यास्त के बाद करीब 2:30 घंटे की देरी से चंद्रमा दिखाई देता है।
पंचाग के अनुसार, इस बार पटना में चंद्रमा शाम 7 बजकर 45 मिनट पर दर्शन देंगे। इस समय छलनी से चंद्रमा के दर्शन कर सकती हैं और फिर व्रत खोल सकती है।
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। साथ ही चंद्रमा सभी औषधियों के स्वामी भी हैं। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से आयु वृद्धि होती है तथा दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है। इसलिए जिन लोगों का मन चंचल होता है, उन लोगों को चंद्रमा की पूजा करने का सुझाव दिया जाता है। करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने के पीछे भी यही वजह हैं। साथ ही चंद्रमा को दूध मिले हुए जल से अर्घ्य देने से नकारात्मकता दूर होती है, असुरक्षा और डर की भावना नहीं रहती। पति का स्वास्थ्य ठीक रहता है तथा कुंडली में चंद्रमा की स्थिति बेहतर होती है।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय
Happy Karwa Chauth 2020. प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला करवा चौथ का व्रत का यह शुभ संयोग आज पड़ा है। करवा चौथ का ये प्रसिद्ध त्योहार अब पूरे देश में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। सुबह ब्रह्ममुहूर्त में ही व्रतियों को उनके बुजुर्गों खासकर सास द्वारा सरगी दी जाती है।
आज के दिन हिंदू धर्म की सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना से पूरे दिन बिना भोजन और पानी पिए व्रत रखती है। तथा शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देती हैं। उसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण तथा पारण कर व्रत पूरा करती हैं।
इस दिन महिलाओं को सबसे ज्यादा इंतजार चांद के निकलने का होता है। अमूमन चांद जल्दी निकलता है, लेकिन चौथ के दिन ही इसके निकलने का समय सबसे ज्यादा होता है। महिलाओं को काफी इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि इस दिन सूर्यास्त के बाद करीब 2:30 घंटे की देरी से चंद्रमा दिखाई देता है।
पंचाग के अनुसार, इस बार पटना में चंद्रमा शाम 7 बजकर 45 मिनट पर दर्शन देंगे। इस समय छलनी से चंद्रमा के दर्शन कर सकती हैं और फिर व्रत खोल सकती है।
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। साथ ही चंद्रमा सभी औषधियों के स्वामी भी हैं। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से आयु वृद्धि होती है तथा दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है। इसलिए जिन लोगों का मन चंचल होता है, उन लोगों को चंद्रमा की पूजा करने का सुझाव दिया जाता है। करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने के पीछे भी यही वजह हैं। साथ ही चंद्रमा को दूध मिले हुए जल से अर्घ्य देने से नकारात्मकता दूर होती है, असुरक्षा और डर की भावना नहीं रहती। पति का स्वास्थ्य ठीक रहता है तथा कुंडली में चंद्रमा की स्थिति बेहतर होती है।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय