What is Panama Papers Leak. कुछ वर्ष पहले दुनियाभर में तहलका मचाने वाले ‘पनामा पेपर्स लीक’ ने एक बार फिर माहौल गर्मा दिया है। और इस बार बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के कारण मामला फिर से चर्चा में आ गया है।
20 दिसंबर को यानी पिछले सोमवार को बॉलीवुड एक्ट्रेस और अमिताभ बच्चन की बहू ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 7 घंटे पूछताछ की है। ऐश्वर्या से उनकी कंपनियों और बैंक अकाउंट्स के बारे में सवाल किये गए। ये पूछताछ पनामा पेपर लीक (Panama Paper Leak) मामले में हुई थी।
बता दे, साल 2016 में पनामा पेपर लीक हुए थे। लाखों पन्नों के इस खुलासे में टैक्स चोरी मामलों को उजागर किया गया था। पनामा पेपर्स में दुनियाभर के उन बड़ी हस्तियों के कारोबार का जिक्र है, जिन्होंने कथित रूप से टैक्स चोरी करने के लिए छोटी कंपनियां बनाईं। आरोप है कि इन लोगों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छिपाया है।
वही इस मामले में नाम सामने आने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद छोड़ना पड़ा था। पनामा पेपर्स में करीब 500 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मामले में अमिताभ बच्चन समेत कई दूसरे बड़े नाम भी ED के निशाने पर आ सकते हैं।
अमिताभ और ऐश्वर्या राय बच्चन पर क्या आरोप हैं?
जानकारी के लिए बता दे, अमिताभ बच्चन को चार शेल कंपनियों का डायरेक्टर बनाया गया था। और ये कंपनिया 1993 में टैक्स हैवन देशों में बनीं थी। इन कंपनियों की ऑथोराइज्ड कैपिटल 5 से 50 हजार डॉलर के बीच थी, लेकिन ये कंपनियां उन शिप्स का कारोबार कर रही थीं, जिनकी कीमत करोड़ों में थी।
तो वही ऐश्वर्या को अमिक पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था। बाद में उन्हें कंपनी का शेयर होल्डर बना दिया गया। इसका हेडक्वार्टर टैक्स हेवन देश वर्जिन आइलैंड्स में था। ऐश्वर्या के पिता के. राय और उनकी मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय भी कंपनी में उनके पार्टनर थे। 2005 में बनी ये कंपनी 3 साल बाद 2008 में बंद हो गई। आरोप है कि टैक्स बचाने के लिए यह शेल कंपनी बनाई गई थी।
क्या हैं ये पनामा पेपर्स लिक ?
पनामा पेपर्स लिक में फ्रॉड और टैक्स चोरी करने वाले दुनियाभर के कई बड़े लोगों के बारे में जानकारी दी गयी है।
दरअसल, 3 अप्रैल 2016 को टैक्स हेवेन कहे जाने वाले देश पनामा की एक लॉ फर्म मोसेक फोंसेका का 40 साल का डाटा लगभग 1.15 करोड़ से ज्यादा डॉक्यूमेंट लीक हुआ था। इसे लिक किया था जर्मन की एक अखबार Süddeutsche Zeitung ने। मोसेक फोंसेका पनामा में रजिस्टर्ड है, जो उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के मध्य में स्थित एक देश है। इसलिए इस मामले को पनामा पेपर्स लिक का नाम दिया गया।
मोस्सैक फोंसेका क्या करती थी?
मोस्सैक फोंसेका पनामा की एक लॉ कंपनी थी। आसान भाषा में समझें तो अगर आपके पास बहुत सारा पैसा है, तो ये कंपनी उसे सुरक्षित रूप से ठिकाना लगाने में आपकी मदद करती है। ये आपके नाम से फर्जी ऑफशोर कंपनी खोलती है। ऑफशोर कंपनियां वो होती हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन किसी दूसरे देश में किया जाता है और ये कारोबार किसी दूसरे देश में करती हैं। इस तरह की ज्यादातर कंपनियां गुमनाम होती हैं। इनका मालिक कौन है, किसके पैसे लगे है, जैसी सभी बातें गुप्त रखी जाती है। यानी, आप मोस्सैक फोंसेका को फीस दीजिए और वो आपके नाम से सीक्रेट और आसान टैक्स सिस्टम वाले देशों में फर्जी कंपनियां बना देगी।
इन पेपर्स से क्या खुलासा हुआ?
इन पेपर्स में संबंधित व्यक्तियों से जुड़ी वित्तीय जानकारियां और अवैध लेनदेन का रिकॉर्ड है। इन लोगों ने टैक्स चोरी और बाकी वित्तीय लेनदेन से जुड़ी पाबंदियों से बचने के लिए ऑफशोर कंपनियों में गैरकानूनी निवेश किया। ये कंपनियां ऐसे देशों में खोली गईं, जिन्हें टैक्स हेवन्स कहा जाता है। यानी, कंपनियों के मालिकाना हक और लेनदेन पर टैक्स का कोई चक्कर ही नहीं।
दुनियाँ में कहाँ-कहाँ है टैक्स हेवन?
बेलीज, स्विट्जरलैंड, साइप्रस, हॉंग कॉंग, पनामा, सिंगापुर, सेशेल्स और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड
पनामा पेपर्स में शामिल बड़े नाम
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में 500 भारतीयों, कंपनियों और ट्रस्ट्स के नाम हैं।
इस मामले में दुनियाभर के कुछ बड़े नाम शामिल है जैसे अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, अजय देवगन, मशहूर वकील हरीश साल्वे, विजय माल्या, पत्रकार करन थापर, छत्तीसगढ़ के पूर्व CM रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी ।
विदेशी बड़े नाम भी है शामिल खुलासे में
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, गोल्फ प्लेयर टाइगर वुड्स, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो, सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सौद, ब्रिटेन के पूर्व PM डेविड कैमरन के पिता, मशहूर फुटबॉलर लियोनल मैसी, हॉलीवुड स्टार जैकी चैन, मिस्र के पूर्व तानाशाह होस्नी मुबारक, लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, फ्रांस के मशहूर फुटबॉलर माइकल प्लाटिनी के नाम लिस्ट में शामिल हैं।
मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गंवानी पड़ी थी कुर्सी
पनामा पेपर्स में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी नाम है। नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन और बेटी मरियम नवाज ने वर्जिन आइलैंड में चार कंपनियां शुरू की थीं। इन कंपनियों से लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदीं गईं। शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रख डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया था। पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद, 28 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को दोषी करार देते हुए PM पद के लिए अयोग्य ठहराया था। इस मामले में शरीफ को 10 साल की सजा भी हुई, और अपनी कुर्सी गवानी पड़ी।