जौनपुर. कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में लोग दवा, बेड्स से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दर-दर भटक रहे है, ऐसे ही मरीजों के मदद के लिए कई लोग सड़क पर उनके लिए देवदूत बनकर उतरे है। ये लोग दवा से लेकर ऑक्सीजन तक इन्हे मुहैया करा रहे है लेकिन उन्हें क्या पता की इन मुश्किल वक्त में लोगो की मदद करना भी उनके लिए मुसीबत बन जायेगा।
उत्तरप्रदेश के जौनपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है दरअसल जिला अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन के किल्लत से तड़पते मरीजों के लिए विक्की अग्रहरी देवदूत बनकर सामने आये। विक्की ने अपनी तरह से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों को फ्रीऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराया। उनका कहना था की पैसे तो वो बाद में भी कमा लेंगे मगर इस कोरोना संकट में लोगो का मदद करना चाहते है उनके इस कार्य को मीडिया में खूब कवरेज मिला, वाहवाही भी हुई।
लेकिन विक्की की यह मदद प्रशासन को नागवार गुजरी और अस्पताल सीएमएस की तहरीर पर पुलिस ने विक्की के खिलाफ महामारी अधिनियम 3 यानी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा करने या इसके लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज कर लिया और इसके अलावा IPC की धारा 188 (सरकारी आदेश को नहीं मानना) और 269 (संक्रमण फैलाना) भी लगा दी गईं। बता दे, विक्की प्राइवेट एम्बुलेंस के मालिक है।
ऑक्सीजन की किलत से तड़प रहे थे मरीज
विक्की ने बताया कि जिला अस्पताल में कई मरीज ऑक्सीजन की किलत से तड़प रहे थे वो लगातार यह सिलसिला अपने आँखों से देख रहे थे उन्होंने कई मरीजों को फ्री में ऑक्सीजन उपलब्ध कराया, ऑक्सीजन खरीदने के लिए उन्होंने अपने पत्नी के गहने 65 हजार में बेच दिए, उनका कहना है कि आखिर क्यों जिला अस्पताल के सीएमएस और प्रशासन को आपत्तिजनक लगी और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिया गया। ऐसे में यह सवाल उठाता है की अब कौन समाज सेवा के लिए हिम्मत जुटाएगा।