Chhattisgarh. सूबे के कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से एक अजीब तस्वीर निकलकर सामने आई है। जहां हाथियों से जान बचाने के लिए ग्रामीणों को जेल में बंद करना पड़ रहा है। दंडकारण्य के घनघोर जंगल मे मौजूद कांकेर के भानुपरतापुर के कई गांवों के सैकड़ों आदिवासियों को रात होते ही इलाके में मौजूद निर्माणाधीन जेल में हाथियों से जान बचाने के लिए छिपना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, दर्जनों की संख्या में हाथी यहां दिन में जंगल से आकर पहाड़ियों पर सो जाते है और फिर रात में गांवो में घूमकर जमकर उत्पात मचाते है।
3 लोगों को कुचलकर मार डाला
पिछले 1 महीने के भीतर हाथियों ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद और जशपुर में 3 लोगों को कुचलकर मार डाला है, जिसके डर के चलते रोज शाम होते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जेल में शरण लेने आ जाते है। यहां जेल में बंद होकर कैदियों की तरह रात बिताते हैं और उसके बाद सुबह होते ही घरो को लौट जाते है।
हाथी और मानव द्वंद की कहानी वर्षो पुरानी
बता दे, छत्तीसगढ़ में हाथी और मानव द्वंद की कहानी वर्षो पुरानी है। यहां पिछले 5 वर्षों में 350 से ज्यादा लोगों की मौत मानव हाथी द्वंद में हुई है। वहीं 25 से ज्यादा भी इसमें मारे गए।