Lockdown 4. मोतिहारी शहर के सैकड़ों निजी विद्यालयों पर लोकडाउन का बहुत बुरा असर पड़ा है।
शिक्षण कार्य लगभग तीन महीने से दिनांक 07 मार्च होली के पहले से ही बाधित चल रहा है। कोरोना महामारी के कारण निजी विद्यालयों में मार्च के महीने में होने वाली वार्षिक परीक्षा भी नहीं हो पाई जिसके कारण बच्चों का शुल्क फरवरी महीने से बकाया है। जिससे कारन संचालक शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे है। इसका सबसे ज्यादा असर उन निजी छोटे विद्यालयों पर पड़ रहा है जिनकी स्कूल खुद के निजी जमीन पर नहीं है जो रेंट या एग्रीमेंट पर है। आपको बता दें कि शहर के लगभग सत्तर फीसदी विद्यालय रेंट पर चलते है, जिनपर रेंट की बहुत बड़ी समस्या है।
मार्च महीने तक तक तो विद्यालय के द्वारा किसी तरह रेंट और शिक्षकों के वेतन का इंतजाम कर दिया गया, लेकिन अप्रैल से अब तक कुछ नहीं कर पा रहे है और आगे कब तक विद्यालय बंद रहेंगे कहा नहीं जा सकता इन विद्यालयों में हजारों बच्चे पढ़ते है, जो माध्यमवर्ग और निम्नवर्ग से आते है अगर इन विद्यालयों को सरकारी मदद नहीं मिली तो एक बड़ा शिक्षा संकट खड़ा होगा जो प्रलय के समान है।
लॉकड़ाउन के कारण बच्चो के अभिभावक भी स्कूल में फी नहीं जमा करा पाए है जिसके कारण प्राइवेट विद्यालयों पर बंदी की तलवार लटक रही है। जिसकी जानकारी शहर के बहुत से निजी विद्यालय संचालकों ने दी है साथ ही साथ सरकार और जिला प्रशासन से विभिन्न मांग भी कि है जो एस प्रकार है:-
उक्त बातें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शहर के विद्यालय संचालकों ने कही जिनमें वरुण कुमार पाण्डेय सर,आंनद ज्योति सर,विवेक पांडेय सर,कपिलेश्वर सर ,प्रमोद सर ने समस्याओं को रखा।