खबर के अनुसार,बंगाल की सियासी पिच पर योगी ने श्रीराम के जयकारे के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने की कोशिश की है। योगी जिस मालदा में गरजे, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। इसके अंतर्गत कुल 12 विधानसभा सीटें आती हैं। यहाँ जीत-हार का फैसला अब तक मुस्लिम करते आए हैं। आइये जानते हैं इन सीटों के समीकरण तथा यहाँ योगी का जादू कितना चलेगा,जानते हैं इस रिपोर्ट में….

भाजपा की नजर हिन्दू वोटर पर

रिपोर्ट के अनुसार, मालदा बंगाल का मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यह बांग्लादेश से सटा हुआ है और इस जिले में विधानसभा की 12 सीटें हैं, जहाँ लगभग आधी आबादी अर्थात 50 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं। ऐसे में सभी का मानना यह है कि योगी को मालदा में उतारकर भाजपा ने हिंदू मतदाताओं को एक कर उनके बिखराव को रोकने की कोशिश की गई है। योगी की रैली मालदा के ब्रिगेड ग्राउंड में रखकर 10 लाख लोगों को लाने का लक्ष्य तैयार किया गया था। वैसे बंगाल में एक कहावत मशहूर है कि जिसका ब्रिगेड ग्राउंड, उसका बंगाल हो जाता है। ऐसा हमेशा देखने को मिला है।

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अब ऐसा है कि बात करें मालदा के चुनावी समीकरण के बारे में तो मालदा जिले की 12 विधानसभा सीटों पर दो (सातवें और आठवें) चरणों में चुनाव होने वाले हैं,जिसके लिए 26 और 29 अप्रैल की तारीख तय की गई है।यहाँ अहम बात यह है कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले थे।

बता दें इस जिले में तृणमूल कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था, यहाँ से उन्हें एक भी सीट नहीं मिला था। जबकि भाजपा ने बंगाल की कुल तीन सीटों में से दो पर जीत मालदा में ही हासिल की थी। वहीं, बाकी 10 सीटों में से आठ कांग्रेस और एक-एक सीट माकपा व निर्दलीय के खाते में गई थी। ऐसे में भाजपा की नजर इस जिले में अपनी सीटों की संख्या
बढ़ाने पर है तो वहीं तृणमूल कांग्रेस अपना खाता खोलने के लिए बहुत प्रयासरत है।

वहीं कांग्रेस के सामने यह चुनौती है कि अपने सभी 10 सीटों को किसी भी तरह से बरकरार रखा जाए। जानकारी के मुताबिक, मालदा जिले में मालतीपुर, चंचल, मालदह (एससी), गजोले (एससी), सूजापुर, हबीबपुर, मानिकचक, हरिश्चंद्रपुर, इंगलिश बाजार, मोठाबाड़ी, रतुआ और वैष्णव नगर सीटें आती हैं।खबर के अनुसार,इन सभी सीटों पर कांग्रेस का दबदबा बना हुआ है।साल 2016 में पार्टी ने 12 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार हालात एकदम से अलग हैं। पार्टी में अंदरूनी कलह बहुत ही ज्यादा है।वहीं एक नई पार्टी आईएसएफ के अब्बास सिद्दीकी से गठबंधन के बाद पार्टी के दो वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और बंगाल प्रमुख अधीर रंजन चौधरी आमने-सामने आ गए हैं। वहीं, राज्य के ताजा हालात में ऐसा लग रहा है कि
सीधा मुकाबला भाजपा बनाम तृणमूल कांग्रेस हो गया है। ऐसे में अगर मालदा के मतदाताओं का मूड बदल गया जिसकी आशंका सबसे ज्यादा बनी हुई है तो कांग्रेस को काफी दिक्कत हो सकती है,जिसकी संभावना सबसे ज्यादा है।

जानिए पश्चिम बंगाल में कितने सीट और चुनाव कब?

बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है जहाँ आठ चरण में मतदान होगा। पहले चरण की शुरुआत 27 मार्च से होगी जबकि आखिरी चरण के चुनाव 29 अप्रैल को होंगे और 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बंगाल में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 सीटों का है।

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मुस्लिम बाहुल्य मालदा में क्या योगी जी का जादू चलेगा, आइये जानते हैं इन क्षेत्रों में आने वाले मुख्य सीटों का हाल

  • बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की शुरुआत 27 मार्च से होगी
  • संजीव सुमन की रिपोर्ट

News24 Bite

March 3, 2021 2:44 pm

उत्तरप्रदेश. भाजपा के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (2 मार्च) को पश्चिम बंगाल के मालदा में हुंकार भरी जिसके बाद राज्य में सियासी तपिश बढ़ गई है।

खबर के अनुसार,बंगाल की सियासी पिच पर योगी ने श्रीराम के जयकारे के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने की कोशिश की है। योगी जिस मालदा में गरजे, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। इसके अंतर्गत कुल 12 विधानसभा सीटें आती हैं। यहाँ जीत-हार का फैसला अब तक मुस्लिम करते आए हैं। आइये जानते हैं इन सीटों के समीकरण तथा यहाँ योगी का जादू कितना चलेगा,जानते हैं इस रिपोर्ट में….

भाजपा की नजर हिन्दू वोटर पर

रिपोर्ट के अनुसार, मालदा बंगाल का मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यह बांग्लादेश से सटा हुआ है और इस जिले में विधानसभा की 12 सीटें हैं, जहाँ लगभग आधी आबादी अर्थात 50 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं। ऐसे में सभी का मानना यह है कि योगी को मालदा में उतारकर भाजपा ने हिंदू मतदाताओं को एक कर उनके बिखराव को रोकने की कोशिश की गई है। योगी की रैली मालदा के ब्रिगेड ग्राउंड में रखकर 10 लाख लोगों को लाने का लक्ष्य तैयार किया गया था। वैसे बंगाल में एक कहावत मशहूर है कि जिसका ब्रिगेड ग्राउंड, उसका बंगाल हो जाता है। ऐसा हमेशा देखने को मिला है।

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अब ऐसा है कि बात करें मालदा के चुनावी समीकरण के बारे में तो मालदा जिले की 12 विधानसभा सीटों पर दो (सातवें और आठवें) चरणों में चुनाव होने वाले हैं,जिसके लिए 26 और 29 अप्रैल की तारीख तय की गई है।यहाँ अहम बात यह है कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले थे।

बता दें इस जिले में तृणमूल कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था, यहाँ से उन्हें एक भी सीट नहीं मिला था। जबकि भाजपा ने बंगाल की कुल तीन सीटों में से दो पर जीत मालदा में ही हासिल की थी। वहीं, बाकी 10 सीटों में से आठ कांग्रेस और एक-एक सीट माकपा व निर्दलीय के खाते में गई थी। ऐसे में भाजपा की नजर इस जिले में अपनी सीटों की संख्या
बढ़ाने पर है तो वहीं तृणमूल कांग्रेस अपना खाता खोलने के लिए बहुत प्रयासरत है।

वहीं कांग्रेस के सामने यह चुनौती है कि अपने सभी 10 सीटों को किसी भी तरह से बरकरार रखा जाए। जानकारी के मुताबिक, मालदा जिले में मालतीपुर, चंचल, मालदह (एससी), गजोले (एससी), सूजापुर, हबीबपुर, मानिकचक, हरिश्चंद्रपुर, इंगलिश बाजार, मोठाबाड़ी, रतुआ और वैष्णव नगर सीटें आती हैं।खबर के अनुसार,इन सभी सीटों पर कांग्रेस का दबदबा बना हुआ है।साल 2016 में पार्टी ने 12 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार हालात एकदम से अलग हैं। पार्टी में अंदरूनी कलह बहुत ही ज्यादा है।वहीं एक नई पार्टी आईएसएफ के अब्बास सिद्दीकी से गठबंधन के बाद पार्टी के दो वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और बंगाल प्रमुख अधीर रंजन चौधरी आमने-सामने आ गए हैं। वहीं, राज्य के ताजा हालात में ऐसा लग रहा है कि
सीधा मुकाबला भाजपा बनाम तृणमूल कांग्रेस हो गया है। ऐसे में अगर मालदा के मतदाताओं का मूड बदल गया जिसकी आशंका सबसे ज्यादा बनी हुई है तो कांग्रेस को काफी दिक्कत हो सकती है,जिसकी संभावना सबसे ज्यादा है।

जानिए पश्चिम बंगाल में कितने सीट और चुनाव कब?

बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है जहाँ आठ चरण में मतदान होगा। पहले चरण की शुरुआत 27 मार्च से होगी जबकि आखिरी चरण के चुनाव 29 अप्रैल को होंगे और 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बंगाल में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 सीटों का है।

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