औरंगाबाद. आज एक बड़ी दिल दहलाने वाली खबर आई है महाराष्ट्र के औरंगाबाद से जहां रेलवे ट्रैक पर सो रहे 15 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कट के मौत हो गई। खबरों के मुताबिक ये हादसा औरंगाबाद जालना रेलवे लाइन पर शुक्रवार सुबह 6.30 बजे की है।
आईये इस घटना को विस्तार में जानते है
दरअशल कोरोना महामारी के चलते पिछले 43 दिनों से देश में लॉक डाउन है जिसके कारन सभी फैक्ट्रियां एवं काम बंद है। वही इसके कारन महाराष्ट्र के जालना में स्थित एक लोहे की फैक्ट्री भी बंद हो गई, फैक्ट्री में काम कर रहे सैकड़ो यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। उनलोगो ने किसी तरह अपने पास बचे थोड़ी बहुत जमा पूंजी एवं सामाजिक संगठनों और सरकार के भरोसे महीनाभर काम चलाया।
इसी बिच उन्हें एक खबर मिली कि सरकार दूसरे राज्यों के मजदूरों को घर भेजने के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चलाने वाली है। बस फिर क्या था खबर मिलते ही उनमे से मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से निकल पड़े औरंगाबाद ट्रेन पकड़ने। रास्ते के लिए उन्होंने मिलकर 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी बना के रख लिया। लेकिन उन्हें क्या मालूम उनमे से 16 के लिए यह यात्रा अंतिम यात्रा साबित होगी।
150 रोटी और चटनी बना सफर का आखिरी सहारा
वे सभी 20 मजदूर निकल पड़े औरंगाबाद के भुसावल के लिए, सभी की उम्र 20 से 45 साल के बिच होगी। उन्होंने पैदल ही चलना शुरू किया चलते-चलते औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे रात गहरी हो चली थी। भूख भी लगी थी, सोचा, खाना खाकर कुछ आराम कर लिया जाए। साफ और सुरक्षित देख कर वे सभी रेलवे ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद, थोड़ा सुस्ताने के लिए पटरी का सिरहाना बना सो गए। लेकिन जब नींद खुली सभ कुछ खत्म हो चूका था उनमे से 16 की मौत हो चुकी थी, चार बचे थे जो किसी तरह बगल के गांव जाकर मदद माँगा, जहाँ लोगो ने उन्हें पानी पिलाया। फिर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी गई।
उनमे से बचे एक के अनुसार दरअशल वे सभी सुस्ताने के नियत से रेलवे ट्रैक पर सोये थे लेकिन भूखे पेट जब रोटी मिली तो कब आंखे लगी मालूम ही नहीं चला।
अधिकारियों के मुताबिक यह दुर्घटना शुक्रवार सुबह करीब 6.30 बजे एक मालगाड़ी के गुजरने से हुई है । वही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख की मुआवजा राशि देने की घोषणा किया है।