RIP. इस वक्त की एक बड़ी दुखद खबर है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती थे।
बता दे, रामविलास पासवान 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। एम्स में 2 अक्टूबर की रात को उनकी हार्ट सर्जरी की गई थी। यह पासवान की दूसरी हार्ट सर्जरी थी। इससे पहले भी उनकी एक बायपास सर्जरी हो चुकी थी।
वही उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो अपना दुख शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। मैंने अपना दोस्त खो दिया।
पिता के निधन पर चिराग का भावुक ट्वीट
अपने पिता के निधन के बाद चिराग ने रामविलास पासवान और अपने बचपन की फोटो के साथ एक भावुक ट्वीट किया और लिखा :
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa…
जानिए रामविलास पासवान के बारे में
राजनीति के ‘मौसम वैज्ञानिक’ के नाम से जाने जाने वाले रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले शाहरबन्नी गाँव के एक गरीब और दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमए और पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। पासवान के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1969 में हुआ। वे पहली बार बिहार के राज्यसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीते। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर से एतिहासिक अंतर से जीत दर्ज कर सांसद बने।
पासवान 8 बार सांसद रहें
पांच दशक से भी ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर में रामविलास पासवान 8 बार सांसद रहें। पिछले दो दशक में वह लगभग हर केंद्र सरकार में शामिल रहे और मंत्री भी बनें 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन मोदी सरकार में एक बार फिर से उपभोक्ता मामलात मंत्री पद की शपथ ली थी। पासवान ने 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड भी बनाया है। रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी जिसके वर्तमान अध्यक्ष उनके बेटे चिराग पासवान हैं।