inner_banner

अब बिना डॉक्टर होगा covid मरीजों का इलाज, बिहार की बेटी ने बनाया “मेडी रोबोट”

  • रोबोट बाजार में लगभग एक लाख रुपये में उपलब्ध होगी
  • अपडेट : चंचल पांडेय

News24 Bite

May 21, 2021 1:59 pm

बिहार की राजधानी पटना से बड़ी अपडेट: देश में कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौत हो रही है। लेकिन अब डॉक्टर व अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी मरीज के पास गए बगैर उसकी जांच कर इलाज कर सकेंगे। इसमें सहयाक बनेगा “मेडी रोबोट” जिसे बनाया है पटना के योगेश कुमार और उनकी बेटी आकांक्षा ने। यह रोबोट मरीज के पास पहुंचे बिना ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल, पल्स रेट, ECG आदि कई तरह की जांच कर रिपोर्ट डॉक्टर को भेज देता है। पटना के कई बड़े अस्पतालों में यह रोबोट सफलतापूर्वक मरीजों की देखभाल कर रहा है।

यह संक्रमित मरीज की बेसिक मेडिकल जांच प्रामाणिकता के साथ दूर से करने तथा रियल टाइम डेटा लेने में सक्षम है। इसके सहयोग से डॉक्टर दूर बैठकर मरीज के रक्त में ग्लूकोज व ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, तापमान, ब्लड प्रेशर, वजन, ईसीजी, वायरलेस स्टेथेस्कोप से फेफड़े की स्थिति, हृदय आदि की जांच कर सकते हैं। रोबोट में वायरलेस स्टेथेस्कोप व ऑक्सीजन के सिलेंडर भी इंस्टॉल हैं।

Advertisement

आकांक्षा ने बताया कि इसे डिजाइन करने में उन्‍हें पिता योगेश कुमार ने मदद की है। यह बाजार में लगभग एक लाख रुपये में उपलब्ध होगी। यह कीमत मेडिकल इक्यूपमेंट के साथ होगी। रोबोट के पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है।

पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान की डॉ. अपूर्वा के अनुसार यह रोबोट संक्रमित मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए वरदान साबित होगा। यह संक्रमित व्यक्ति को दवा, खाना, पानी, नेबुलाइजर और ऑक्सीजन आदि पहुंचाने में सक्षम है। रोबोट में ही नेबुलाइजर और ऑक्सीजन चढ़ाने के सिस्टम इंस्टॉल हैं। हाई रेज्यूलेशन नाइट विजन कैमरा लगे रहने से 360 डिग्री पर घूमकर मरीज और आसपास की निगरानी की जा सकती है। हाई रेज्यूलेशन कैमरा से डॉक्टर और मरीज के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है। यह दोतरफा संवाद करने में पूरी तरह सक्षम है। केमिकल तथा यूवी लाइट सिस्टम के द्वारा जरूरत के अनुसार मरीज के आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज भी किया जा सकता है। मसलन संक्रमित किसी वस्तु का उपयोग करते हैं तो रोबोट उसे सैनिटाइज कर ही कमरे से बाहर लाएगा। इसमें क्यूआर कोड की की मदद से ई-प्रिस्किप्सन की सुविधा है।

आकांक्षा ने बताया कि पटना के सहयोग, स्पंदन और मेडी हार्ट आदि हॉस्पिटल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका बेहतर अनुभव रहा है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने केंद्र व राज्य सरकारों को कोरोना महामारी के दौरान इसका सदुपयोग करने का अनुरोध किया है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के छात्र विश्वकर्मा अवार्ड के फाइनल राउंड के लिए इस रोबोट का चयन किया है। स्थानीय सांसद व कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रोबोट का प्रेजेंटेशन देखने के बाद सराहना करते हुए इसके बड़े स्तर पर उपयोग पर सहमति जताई है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से दूर रखने में सहायक है। इसका उपयोग सामान्य दिनों में भी किया जा सकता है।

ad-s
ad-s