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लोगों ने अंबेडकर जयंती पर दीप जलाकर मनाया दीपोत्सव, महादलित परिसंघ हर वर्ष 14 अप्रैल को मनाएगा दीपोत्सव

News24 Bite

April 15, 2020 11:46 am

पश्चिम चम्पारण. संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 129वीं जयंती पर सुबह में जहाँ लोगों ने लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनकी प्रतिमा, घर में मौजूद तस्वीर पर माल्यार्पण, पुष्प अर्पित किया एवं उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दिए वहीं रात्रि में भी लोगों ने लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंस का पूर्णतः अनुपालन करते हुए हर्षोल्लास से घर पर दीप जलाकर, मीठे पकवान बनाकर जयंती को दीपोत्सव के रुप मनाया। लोगों ने अपने अपने सहुलियत के अनुसार अपने आस-पास के गरीब, जरुरतमंद लोगों की मदद कर उनके दुःख को बाँटने का काम किया।

लोगों ने अंबेडकर जयंती पर दीप जलाकर मनाया दीपोत्सव

मालूम हो कि महादलित परिसंघ (राष्ट्रीय) सहित अन्य संघों ने अम्बेडकर जयंती को दीपोत्सव के रुप में मनाने को कहा था। इस संदर्भ में बिहार राज्य अनुo जाति जनजाति कर्मचारी संघ, बगहा के मीडिया प्रभारी सह महादलित परिसंघ (राष्ट्रीय) के बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार ‘राउत’ से बात करने पर उन्होंने बताया कि परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बबन रावत के निर्णय अनुसार एवं सभी कोर कमिटी की सहमति, सर्वसम्मति से लॉकडाउन एवं फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए दीपोत्सव मानना सुनिश्चित हुआ, जिसके आलोक में सभी स्तर के संघीय पदाधिकारी, सदस्य एवं कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा लॉकडाउन एवं फिजिकल डिस्टेंस का पूर्णतः पालन करते हुए बाबा साहब भीमराव डॉo भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर रात्रि में दीप जला कर दीपोत्सव मनाते हुए प्रकाश व ऊर्जा का संचय कर राष्ट्र की एकता, अखंडता, विश्व बंधुत्व की कामना का संकल्प दुहराया गया। इस उत्सव में लोगों बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। लोगों के लिए यह बहुत ही सुखद व हर्षपूर्ण अनुभूति रहा। महादलित परिसंघ (राष्ट्रीय) प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को दीपोत्सव मनाएगा।

बाबा साहब डॉo भीमराव अम्बेडकर की विद्वता, योग्यता, कीर्तिमान तथा समाज व देश के लिए भारतीय संविधान की संकल्पना/ निर्माण संबन्धी उनके अभूतपूर्व योगदान अविस्मरणीय, अनुकरणीय एवं वन्दनीय है। संविधान की प्रस्तावना से ही उनके विचारों को समझा जा सकता है। सामाजिक सद्भाव, समरसता व समानता के लिए तथा महिलाओं, दलितों, शोषितों सभी के उत्थान और अधिकार के लिए वे आजीवन संघर्ष करते हुए सतत प्रयासरत रहे। उनके विचारों की प्रासंगिकता हर समय और पीढ़ी के लिए उपयोगी है।

वहीं स्थानीय निवासी यदुनन्दन राउत, संजय राउत, छोटे, बड़े, हरेंद्र साह, राजकुमार राउत, निशांत कुमार, रमेश राउत, जीतन राउत, सुखमीना देवी, ममता देवी, शारदा देवी आदि ने सुनिल कुमार ‘राउत’ के पहल व सहयोग की सराहना किए। सभी ने लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंस के पालन से कोरोना महामारी को हराने को कहा।

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