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महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाला कालीचरण महाराज कौन है?

  • कालीचरण महाराज राजनीति में भी किस्मत आजमा चुके हैं

News24 Bite

December 30, 2021 11:01 am

Who Is Kalicharan Maharaj. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi) के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है। रायपुर पुलिस ने कालीचरण को खजुराहो ( Khajuraho ) के एक होटल से गुरुवार तड़के 4 बजे पकड़ा है। महात्मा गांधी के खिलाफ बयानबाजी के बाद से ही वह फरार था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अभद्र टिपण्णी करने पर उसके खिलाफ रायपुर, पुणे और अकोला में केस दर्ज किए गए थे।

महात्मा गांधी ने देश का सत्यानाश किया

बता दे, रायपुर में आयोजित धर्म संसद के मंच से कालीचरण ने गांधीजी के बारे में गलत बातें कहीं थी । उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। इतना ही नहीं उसने कहा : ‘महात्मा गांधी ने देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।’

गिरफ्तारी से पहले कालीचरण का एक बयान सामने आया था। इसमें वह कह रहा है- गांधी को अपशब्द कहने के लिए मुझ पर FIR हुई है, मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति तिरस्कार है।

कालीचरण का असली नाम

जानकारी के लिए बता दे, कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला के पुराना शहर शिवाजी नगर के रहने वाले हैं। वह सामान्य परिवार के रहने वाले हैं। उनका असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। वो भावसार समाज के हैं। उसके पिताजी धनंजय सराग की जैन चौक में मेडिकल की दुकान है।  
कालीचरण महाराज महज आठवीं पास है। उसके बाद वह पढ़ नहीं पाया। बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा है। इसी कारण इनको इंदौर अपने मौसी के घर पर रहना पड़ा था। बाद में वे भय्यू महाराज के खामगांव स्थित आश्रम में जाने लगे, वहां के काम में उनकी रूचि आने लगी और यहीं से उनको भय्यूजी महाराज की गुरु प्राप्ति हुई। और यही पर अभिजीत सारग  कालीचरण महाराज के नाम से जानने लगे।

राजनीति में भी किस्मत आजमा चुके हैं

कालीचरण महाराज राजनीति में भी किस्मत आजमा चुके हैं। अकोला में पार्षद के लिए निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। मगर उनको जीत नहीं मिल पाई।

शिव तांडव स्त्रोत से चर्चा में आए कालीचरण

कालीचरण खुद को शिवभक्त कहते हैं। वह लाल रंग का वस्त्र धारण करते हैं और ललाट पर सिंदूर का टीका लगाते हैं। वह हर साल अकोला में कावंड यात्रा में भाग लेते हैं। कालीचरण महाराज अपने रूप और श्रृंगार को लेकर चर्चा में रहते हैं। कालीचरण महाराज पिछले साल उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने मध्य प्रदेश में शिव तांडव स्त्रोत गाया था। उनका ये वीडियो इंटरनेट पर तेजी से  वायरल हुआ था।

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