PATNA. राज्य में कोरोना महामारी की दूसरी लहर तो विकराल रूप लेते ही जा रही है। वहीं अब एक और नई मुसीबत ने बिहार में दस्तक दे दी है। उस दस्तक का नाम ‘ब्लैक फंगस’ है, जो प्रदेश में महामारी का रूप ले रही है।
अबतक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 174 मामले सामने आए है। जिसके चलते केंद्र सरकार के निर्देश के बाद बिहार सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1897 के तहत इस बीमारी को महामारी घोषित करने का नोटिफिकेशन शनिवार देर शाम स्वास्थ्य विभाग ने जारी भी कर दिया है।
राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश और तेलंगाना के बाद ऐसा करने वाला बिहार 6वां राज्य बन गया है। कोरोना पीड़ितों में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। ब्लैक फंगस बीमारी मरीजों की आंखों की रोशनी के साथ-साथ जान तक भी ले रही है।
ब्लैक फंगस क्या है?
ये एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकॉरमाइटिसीस नाम के फंगाइल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्युनिटी को कम करती हों या शरीर की दूसरी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम करती हों। ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
शरीर में कैसे पहुंचता है?
वातावरण में मौजूद फंगस ज्यादातर सांस के जरिए हमारे शरीर में पहुंचते हैं। अगर शरीर में किसी तरह का घाव है या शरीर कहीं जल गया तो वहां से भी ये इंफेक्शन शरीर में फैल सकता है। अगर इसे शुरुआती दौर में ही डिटेक्ट नहीं किया जाता तो आंखों की रोशनी जा सकती है। या फिर शरीर के जिस हिस्से में ये फंगस फैला है शरीर का वो हिस्सा सड़ सकता है।
ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं?
यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, उल्टी आना, नाक बंद, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।