बाबरी मस्जिद विध्वंश मामला. वर्षो से लटके बाबरी मस्जिद विध्वंश मामले में आज आखिरकार लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, महंत गोपालदास, विनय कटियार और उमा भारती समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।
बता दे, 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंश की घटना हुई थी।
CBI एक भी आरोप साबित नहीं कर पाई
घटना के 28 साल बाद 30 सितंबर को फैसला सुनाते हुए जज एसके यादव ने कहा कि सीबीआई किसी के भी खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं कर सकी है। इसलिए अदालत सीबीआई के साक्ष्यों को नाकाफी करार देते हुए तथा सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी करती है। उन्होंने कहा कि विवादित ढांचा गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी और ये घटना अचानक हुई थी।
कुल 48 आरोपी, 16 की हो चुकी है मौत
बाबरी मस्जिद मामले में कुल 48 लोग आरोपी बनाये गए थे जिसमे से 16 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
48 आरोपियों के नाम इस प्रकार है : लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर।
आज फैसले के दौरान कोर्ट की टिप्पणी